टीबी दिवस: जनपद में 1082 क्षय रोगी गोद लिए गए

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सभी सक्षम व्यक्ति क्षय रोगियों को लें गोद- सीडीओ
कलेक्ट्रेट सभागार में क्षय रोग दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन


मथुरा। देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी मुक्त बनाने के लिए हर दिन नए-नए प्रयास हो रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को जनपद में 1082 टीबी रोगियों को गोद लिया गया। टीबी दिवस पर यह पहल राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से शुरू हुई। इसी तरह लखनऊ समेत प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी रोगियों को गोद लिया गया।

आयोजन के दौरान मुख्य विकास अधिकारी नितिन गौड़ ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर हमारे जिले में क्षय रोगियों को गोद लेने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। यह एक अच्छी पहल है। इससे समाज में बहुत ही धनात्मक ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास है कि क्षय रोगी भी जल्द स्वस्थ हों और अन्य स्वस्थ लोगों की तरह मुख्य धारा में जीवन यापन कर सकें। उन्होंने निर्देश भी दिया कि जो लोग क्षय रोगियों को गोद ले रहे हैं वह सभी नियमित फोन कर मरीज या उसके परिजन से हालचाल लेते रहें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके वर्मा ने कहा कि क्षय रोग एक गंभीर समस्या है लेकिन अब इस इलाज उपलब्ध है। इससे अब डरने की जरूरत नहीं है। समय से उपचार हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उन्होंने कहा कि जिला क्षय रोग अधिकारी सुनिश्चित करें कि टीबी मरीज के पते और संपर्क नंबर सही से दर्ज हो। इससे मरीज से आसानी से संपर्क किया जा सकेगा। सीएमओ ने कहा कि यदि आपमें या आसपास के किसी व्यक्ति में टीबी का कोई लक्षण नजर आता है तो तत्काल बलगम की जांच कराएं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संजीव यादव ने विश्व क्षय रोग दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की योजना है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि क्षय रोग को तपेदिक या टीबी भी कहा जाता है। इसे प्रारंभिक अवस्था में ही नहीं रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो जाता है। समय से इलाज शुरू नहीं होने पर यह बीमारी व्यक्ति को धीरे-धीरे मारती है। इसलिए लक्षण महसूस होते ही इलाज शुरू हो जाना चाहिए। गौरतलब है गत माह ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश के जिलाधिकारियों को टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने, संपूर्ण इलाज, जांच व फॉलोअप संबंधी आदेश दिया था।
कार्यक्रम में करीब 329 सामाजिक संस्थाओं एवं अन्य लोगों ने टीबी रोगियों को गोद लिया। इन्होंने विभाग को आश्वासन दिया कि पौष्टिक आहार के साथ-साथ इनकी देखरेख की जिम्मेदारी हमारी होगी।
गोद लेने वाले रोटरी क्लब के संजय अरोड़ा ने कहा कि मुझे मानव सेवा की सीख अपने माता और पिता से मिली है। मैं अपने को बड़ा ही धन्य मानता हूं कि मुझे इन क्षय रोगियों की सेवा करने का अवसर मिल रहा है। पूरा प्रयास रहेगा कि इन रोगियों की दवा और जांच नियमित रूप चलती रहे। साथ ही टीबी मरीजों को हर महीने मूंगफली, चना, गुड़, सत्तू, सोयाबीन, समेत न्यूट्रिशिनल सप्लीमेन्ट मिलता रहे।

रोगी खोजो अभियान शुरू

विश्व क्षय रोग दिवस से ही क्षय रोगियों को खोजने के लिए विशेष अभियान शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में यह अभियान 13 अप्रैल तक चलेगा। इसकी जिम्मेदारी मुख्य रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) संभालेंगे। अभियान के दौरान जिले में विभिन्न गतिविधियों के जरिए लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। अभियान के दौरान टीबी के संभावित लोगों की एचआईवी और ब्लड शुगर की जांच होगी। नमूनों की माइक्रोस्कोपी सेंटर से जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट दी जाएगी। टीबी की पुष्टि होने पर रोगी को तत्काल ही सात दिन की दवा दे दी जाएगी। सीएचओ, आशा टीबी मरीज को हर माह दवाएं देंगी और लगातार मॉनिटरिंग करेंगी।

पूर्व में राज्यपाल द्वारा टीबी रोगियों कोे गोद लिया गया था। प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जा रहा है।
जिला समन्वयक आलोक तिवारी एवं शिव कुमार ने कहा कि ब्लॉक में भी कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सामाजिक संस्थाएं एवं अन्य लोग आगे आकर सहयोग करें और टीबी मुक्ति अभियान में योगदान दें।

लक्षण एवं सही उपचार की जानकारी आवश्यक
डॉ.पारूल मित्तल के अनुसार टीबी के लक्षणों और उपचार की सही-सही जानकारी जनमानस को होना बहुत जरूरी है । दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी एवं बुखार आना, वजन में कमी होना, भूख कम लगना, बलगम से खून आना, सीने में दर्द एवं छाती के एक्स-रे में असामान्यता क्षय रोग के प्रमुख लक्षण हैं । क्षय रोग पूरी तरह से साध्य रोग है, जिसका पूरा कोर्स करने से रोगी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है । क्षय रोग परीक्षण एवं उपचार की सेवाएं प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध हैं । इसलिए यह लक्षण नजर आयें तो टीबी की जांच जरूर कराएं ।

टीबी और कोरोना दोनों से बचाएगा मास्क
क्षय रोग विभाग के जिला समन्वयक आलोक तिवारी के अनुसार खांसने और छींकने से संपर्क में आने से कोरोना व टीबी के फैलने का खतरा है, इसलिए हम अगर मास्क लगाते हैं तो वह कोरोना से हमारी रक्षा करने के साथ ही टीबी से भी बचाएगा । इस बारे में जरूरी आंकड़े भी जुटाए जा रहे हैं तभी पता चल सकेगा कि इसबीच इसमें कितनी कमी आई है ।

इनका हुआ सम्मान
रोटरी क्लब के संजय अरोड़ा, दीपांजली शर्मा वीरांगनी वाहिनी, ट्रीटमेंट सपोर्टर मो.तारिक, सुनीता शर्मा,अनिल कुमार वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक कोसीकलां आदि का सम्मान किया गया।

इस मौके यह रहे मौजूद
सीएमएस डॉ.मुकुंद बंसल, एसीएमओ डॉ.देवेन्द्र अग्रवाल, डॉ.मुनीष पौरूष, डा आलोक कुमार, डॉ.भूदेव सिंह, अनुज कुमार, संजय सिहोरियां, जितेंद्र सिंह, सतीश चन्द्र, नवल यादव, शिव कुमार, बांके लाल, बिहारी लाल, हिमांशु वशिष्ठ, अखिलेश दीक्षित, लोकेन्द्र सिंह, अनूप सिंह आदि उपस्थित थे।

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