मरीजों को सेवाएं दे रहे सरकारी एवं निजी चिकित्सक, ये मसीहा से नहीं कम

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मथुरा। इस धरती पर अगर किसी को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है तो वह है डाक्टर। डाक्टर ना सिर्फ हमारी बीमारियों को दूर करने में हमारी सहायता करते है अपितु मुश्किल समय में हमे भावनात्मक सहारा देकर हमारे जीवन को सुरक्षित रखते है। कहा जाता है की भगवान के हाथ में ही मनुष्य के जीवन-मौत का फैसला होता है परन्तु डाक्टरों ने कई बार अपनी कार्यकुशलता से कईयों को मौत के मुंह से बचाया है। ऐसे में इन्हे भगवान का दर्जा दिया जाना उचित ही प्रतीत होता है। यानि यह डाक्टर मरीजों के लिए किसी मसीहा से कम नही हैं। समय के साथ-साथ चिकित्सा विज्ञान में भी तरक्की हुई है जिससे की डाक्टरों द्वारा गंभीर से गंभीर बीमारियो का इलाज संभव हुआ है।
हर समय धरती के भगवान डाक्टर लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं। ओपीडी में आने वाले मरीजों को वह प्रतिदिन सेवाएं दे रहे हैं। कोरोना काल में चिकित्सकों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। मरीजों एवं उनके परिजनों के रिश्ते फैमिली चिकित्सकों से मजबूत हुए हैं। कुछ डाक्टर तो परिवार के हर सदस्य की केस हिस्ट्री जानते हैं। यही कारण है हर जगह चिकित्सकों को सम्मान दिया जाता है। हांलाकि कुछ डाक्टरों पर सेवाओं में लापरवाही एवं अधिक पैसे लेने के आरोप भी लगते रहे हैं। इधर मथुरा की आबादी करीब 28 लाख के आसपास बताई गई है। आबादी के हिसाब से चिकित्सकों की संख्या कम है। यहां करीब डेढ़ सौ सरकारी एवं 300 से अधिक प्राइवेट चिकित्सक बताए गए हैं। आयुर्वेदिक,होम्योपैथिक आदि पैथी के चिकित्सक अलग हैं। मरीजों को निकट में सेवाएं देने के लिए कम्युनिट हेल्थ ऑफीसर ग्रामीण केन्द्रों पर तैनात किए गए हैं।

डाक्टर्स डे पर बनाई पेंटिंग हो रही वायरल
डाक्टर्स डे की पूर्व संध्या पर कलाकार शैफाली अग्रवाल द्वारा बनाई गई पेंटिंग भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें चिकित्सक मुंह पर मास्क लगाए सेवाएं देने को तैयार है। शैफाली एमबीए कर चुकी हैं और उनको चित्रकला में रूचि है।

मरीज से हसकर बोलने से मिलता लाभ
देखने में आया कि परिजन जब मरीज को लेकर चिकित्सक के पास पहुंचते हैं तो वह डराते नही हैं। बल्कि हसकर एवं कंधे पर हाथ रखकर कहते हैं कि मरीज जल्द सही होगा। चिंता न करें। धैर्य बनाए रखें। इससे उनमें हौसला बढ़ता है। डा.एसके वर्मन,डा.मुकेश जैन,डा.रूपा गोपाल डा.चिरदीप,डा.मंयक अग्रवाल आदि चिकित्सकों के अनुसार उपचार के साथ-साथ मरीज के साथ अच्छा व्यवहार भी जरूरी है।

जनपद में डाक्टरों की कमी
जनपद में डाक्टरों की कमी चल रही है। स्वास्थ्य अधिकारी शासन से इस बारे में पत्राचार कर रहे हैं। सीएमओ डा.एके वर्मा एवं सीएमएस डा.मुकुंद बंसल,डा.देवेन्द्र के अनुसार पत्राचार किया जा रहा है।
-बाहरी जनपदों से आ रहे मरीज,दी जाती छूट
फिजीशियन चिकित्सक डा.आशीष के पास बाहरी जनपदों से मरीज उपचार कराने आ रहे हैं। पहले यह मरीज उनके पिता स्वर्गीय डा.के गोपाल के पास आया करते थे। इनको अपने चिकित्सक पर विश्वास है। उनको ओपीडी फीस,दवा एवं जांच में छूट कराई जाती है।

एक परिवार में 12 डाक्टर और संयुक्त परिवार

नगला हर प्रसाद यमुनापार निवासी डा.महेश कुमार सिंह ने बताया कि परिवार में अब 12 डाक्टर हैं,जोकि मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं। बड़े भाई डा.अशोक कोविड ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए और उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी डा.ऊषा सिंह मांट केन्द्र में तैनात हैं। उनका पुत्र आयुष कुमार सिंह एवं डा.हर्षित कुमार सिंह एमबीबीएस कर रहे हैं। परिवार में डा.ऊषा सिंह,डा.विनोद,डा.सुभाष,डा.मनीषा, डा.अनीता,डा.संजीव,डा.मनोज,डा.प्रतिभा,डा.विनय,डा.रेनू हैं। पिता डा.भगवान सिंह के पद चिंहों पर परिवार के सदस्य चल रहे हैं। खास बात है कि यह परिवार संयुक्त है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज है।

मरीज जल्द सही होकर घर जाए यही रहता डाक्टर का प्रयास
–आईएमए के अध्यक्ष डा. पवन अग्रवाल,उपाध्यक्ष डा.आशीष गोपाल,डा.गौरव भारद्वाज, सचिव डा. दिलीप,पूर्व सचिव प्रवीन गोयल आदि के अनुसार चिकित्सक मरीजों को बेहतर सेवाएं देने का प्रयास करते हैं। उनका मरीज जल्द सही होकर घर जाए यह प्रयास रहता है। इसके बाद भी कभी-कभी मरीज के परिजन लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करते हैं जोकि गलत हैं। डा.पंकज गुप्ता के अनुसार कई बार ऐसा देखने को मिला है जब मरीज की हालत गंभीर हो जाती है तो वह उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंचते हैं। इसमें खतरा रहता है। डाक्टरों ने कहा कि हमारे प्रयास से मरीजों को मिलने वाली सेहत और जिंदगी ही हमारी सबसे बड़ी खुशी है।

चिकित्सक भी कर रहे ब्लड डोनेशन

स्वैच्छिक रक्तदाताओं के अलावा चिकित्सक भी ब्लड डोनेशन कर रहे हैं। डा.संजय गुप्ता,डा.आशीष गोपाल,डा.प्रवीन गोयल,डा.गौरव भारद्वाज,पवन अग्रवाल,डा.पंकज शर्मा आदि चिकित्सकों ने पूर्व में डोनेशन कल्याणं ब्लड बैंक में किया था।

मरीजों की सुविधार्थ 200 बेड का हॉस्पिटल,दिया रोजगार
मथुरा के लोगों को उपचार के लिए बाहर नहीं जाना पड़े इसके लिए आईएमए उपाध्यक्ष डाक्टर गौरव भारद्वाज ने 200 बेड का सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल खोला है और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुसार तीन सैकड़ा से अधिक लोगों को रोजगार दिया। रामकिशन मिशन,केडी मेडिकल, केएम मेडिकल कॉलेज भी मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं।

मथुरा आकर विशेषज्ञ चिकित्सक दे रहे सेवाएं
-एनआरसी क्षेत्र से वरिष्ठ चिकित्सक सेवाएं देने आते हैं। मैट्रो के चिकित्सक प्रतिमाह कैंप कर मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं। अब नई पीढ़ी में चिकित्सा क्षेत्र में है।

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