डासना जेल में 5500 बंदियों में से 140 HIV पॉजिटिव,17 टीबी की चपेट में भी

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गाजियाबाद। यूपी की गाजियाबाद स्थित डासना जेल में फिलहाल 140 एचआईवी पॉजिटिव हैं, जबकि 17 टीबी की बीमारी की भी चपेट में हैं। जेल प्रशासन के मुताबिक जेल के अंदर हापुड़ और गाजियाबाद समेत 2 जिलों के करीब 5,500 बंदी जेल में बंद हैं। जिनमें 200 महिला और 5300 पुरुष शामिल हैं। इनके अलावा 18 साल से 21 साल की उम्र के 12 किशोर भी बंद हैं। एचआईवी और टीबी से ग्रसित केवल पुरुष हैं।

इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए डासना जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि हापुड़ और गाजियाबाद से हर महीने करीब 800 से 1000 तक नई बंदी दाखिल होते हैं। जेल में दाखिल करते वक्त सभी बंदियों का मेडिकल स्क्रीनिंग और एचआईवी टेस्ट किया जाता है।दाखिल होने वाले बंदियों में से औसतन 4 से 5 बन्दी एचआईवी पोजेटिव पाए जाते हैं। फिलहाल जेल में दोनों जिलों के करीब 5500 बंदी बंद है।जेल अधीक्षक ने बताया कि 140 एचआईवी पॉजिटिव बंदियों में से 55 बंदी ऐसे हैं। जो पहले से ही एचआईवी पॉजिटिव थे और उनका उपचार चल रहा था।इसके अलावा अन्य 85 एचआईवी पॉजिटिव वह बंदी हैं। जिनका उपचार नहीं चल रहा था। यह बंदी मेडिकल जांच में ही पोजेटिव पाए गये हैं। जो बंदी जेल में दाखिल होते हैं। उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग एवं एचआईवी टेस्ट कराया जाता है। जो बंदी एचआईवी पॉजिटिव पाए जाते हैं। उनका एंटी रेटरो वायरल थेरेपी (ART) सेंटर में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उपचार शुरू कर दिया जाता है।

जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल के अस्पताल में एक टेक्नीशियन पर एक काउंसलर तैनात है। इन दोनों के द्वारा ही रोजाना जेल में दाखिल होने वाले हर बंदी का टेस्ट करते हैं और एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनका रजिस्ट्रेशन कराते हुए अस्पताल में मौजूद दो चिकित्सकों की देखरेख में एंटी रेटरो वायरल थेरेपी (ART) की सलाह के बाद उनका उपचार शुरू कर दिया जाता है। एंटी रेटरो थेरेपी (ART) सेंटर में एचआईवी से पीड़ित मरीजों का उपचार टेस्टिंग के बाद किया जाता है इसके लिए हर जिले के अस्पताल में अलग से एक सेंटर बनाया गया है जहां पर एक चिकित्सा अधिकारी काउंसलर लैब टेक्नीशियन एएनएम तैनात रहती हैं इस केंद्र पर मरीजों की सीडी 4 मशीन से जांच की जाती है और उसी के आधार पर मरीज का उपचार करते हुए खुराक भी निर्धारित की जाती है।

रिपोर्ट -अरुण वर्मा

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