बिजली विभाग में 77,562 का जुर्माना कर दिया 4,488 रुपये का, जांच के आदेश

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मथुरा। बिजली विभाग में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। बिना अनुमति के 77562 रुपये का जुर्माना मात्र 4488 रुपये का कर दिया गया। सहायक अभियंता ने तत्कालीन अधिशाषी अभियंता के बिना साइन कराए जुर्माना कम कर दिया।
विभागीय सूत्रों की मानें तो पूर्व में झींगुरपुरा कैंट क्षेत्र में टीम ने बिजली चेकिंग की थी। यहां अतिरिक्त केबिल डालकर बिजली का उपयोग कनेक्शन धारक द्वारा किया जा रहा था। करीब चार किलोवाट लोड टीम को मिला था। विभाग ने इसका राजस्व निर्धारण करीब 77562 रुपये का किया। गत वर्ष किसी तरह कर यह राजस्व निर्धारण कम कर दिया गया। राजस्व निर्धारण 4488 रुपये का कर दिया। उपभोक्ता ने उक्त राशि जमा भी कर दी। इसमें तत्कालीन अधिशाषी अभियंता के साइन नहीं कराए गए बताया गया। उपभोक्ता के बिल में 77562 रुपये का राजस्व निर्धारण जुड़वा दिया गया। बकाए पर जब बिजली कटी तो यह मामला प्रकाश में आया बताया गया। एई आर कैंट एवं स्टाफ ने यह कार्य किया, जिसके लिए आर्थिक लाभ भी लिया गया। हांलाकि उपभोक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए प्रार्थना पत्र पूर्व में विभाग को दिया था। इधर संशोधन के लिए एक्सईएन एवं एसई शहरी की अनुमति लेनी पड़ती है। बताया गया कि राजस्व निर्धारण को लेकर पूर्व में उपभोक्ता ने अपना प्रार्थना पत्र देकर अपना पक्ष रखा था। इस प्रकरण में एक्सईएन शहरी ने सहायक अभियंता राजस्व से स्पष्टीकरण मांगा बताया गया। एक्सईएन से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन बातचीत नहीं हो सकी। एसई शहरी मनोज कुमार के अनुसार इस बारे में जानकारी कराई जाएगी। यह प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है। गड़बड़ी पर कार्रवाई होगी।

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