राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के विचार आज भी प्रासंगिक-जिलाधिकारी

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मथुरा। कलेक्ट्रेट स्थित स्वच्छता वाटिका में जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व योगानंद पांडेय, सभी उप जिलाधिकारियों तथा कलेक्ट्रेट में अधिकारियों व कर्मचारियों ने देश के दो महापुरूषों की जयंती भव्य पूर्वक मनाई। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सत्य, अहिंसा, प्रेम और स्वच्छता के संस्कार को आत्मसात कर ‘रामराज्य’ की संकल्पना के साथ देश और समाज के विकास में निरंतर अग्रसर रहने हेतु संकल्पित रहना चाहिए। जहां गांधी जी ने हमें सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया वहीं लाल बहादुर शास्त्री जी ने सौम्यता, शालीनता का पाठ पढ़ाया। इन दो महापुरूषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित करने के पश्चात कलेक्ट्रेट के साथियों ने महात्मा गांधी जी का प्रसिद्ध भजन ‘‘रघुपति राघव राजा राम‘‘ गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर बोलते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि दोनों विभूतियों के विचार आज भी प्रासंगिक है। दोनों ने हमें यह सिखाया कि अपने अन्दर व्याप्त बुराइयों पर दृढइच्छा शक्ति से नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने गांधी जी के इस विचार पर जोर देकर कहा कि जितनी आवश्यकता हो उतना ही उपयोग करें, क्योंकि प्रकृति मनुष्य की आवश्यकता को पूरा कर सकती है, लालच को नही, यह लालच मनुष्य जाति के व्यक्तित्व के विनाश का प्रमुख कारण बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अपने सहकर्मियों के साथ सद्भावपूर्ण व्यवहार करें और सभी को साथ लेकर चले तभी इन महापुरूषों के बताये गये रास्ते पर चल सकते है, आप सभी को हमेशा यह याद रखना चाहिए, आपके द्वारा किया गया कोई भी कार्य हासिए पर रह रहे लोगों को कितना लाभ पहुंचा सकती है, आज इस विशिष्ट दिन पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि ‘‘हम अपने अन्दर की एक बुराई को त्यागे और जीवन में सकारात्मकता को अपनायें।
उन्होंने कहा कि जीवन में स्वच्छता का अत्यन्त महत्व है, स्वच्छ रहना मूल भूत जरूरत है, जो हमारे व्यक्तित्व में निखार लाती है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, सत्य, अहिंसा हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल सकते है।

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