प्रायश्चित,आत्मशुद्धि व स्वाध्याय का पर्व श्रावणी उपाकर्म संस्कार- पं. अमित भारद्वाज

मथुरा। श्रावण पूर्णिमा को श्रवण नक्षत्र में ब्राह्मण, विशेष रूप से वेदपाठी, धर्माचार्य, पांडित्यजनों विद्वत्जनों द्वारा पुरातन काल से चली आ रही परंपरा का निर्वहन श्रावणी उपाकर्म संस्कार कहलाता है। इस संस्कार का प्रमुख उद्देश्य वर्ष-भर में ज्ञात-अज्ञात कारणों से हुई त्रुटियों का प्रायश्चित एवं आत्मशुद्धि कर सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करना है। श्रावणी के तीन […]

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