मातृशक्ति भूली हुई शक्ति याद करे- हेमलता शास्त्री, आरएसएस द्वारा तरुणी सम्मेलन आयोजित

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मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मथुरा महानगर के तत्वावधान में श्री जी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर गोवर्धन रोड पर आयोजित तरूणी सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि आज की तरुणी आत्मविश्वास एवं आत्मसम्मान से युक्त होकर ही वर्तमान समाज की कठिन चुनौतियों का सामना कर सकती है। ऐसी तरुणियाँ जीवन के सभी क्षेत्रों में राष्ट्र का सफल प्रतिनिधित्व कर रही हैं। खेल हो या युद्धक्षेत्र, वैज्ञानिक अनुसंधान हों या राजनैतिक क्षेत्र, अंतरिक्ष हो या प्रशासन नारी अपनी अहम भूमिका समाज के प्रत्येक क्षेत्र में निर्वहन कर रही है। नारी भारतीय जन-जीवन की मूल धुरी है। हमारी संस्कृति परम्परा या धरोहर नारी के कारण ही पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तान्तरित हो रही है।
कार्यक्रम मुख्य वक्ता हेमलता शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम समाज में आगे बढ़े। समाज का नेतृत्व करें। हम हर जगह नेतृत्व प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि मातृशक्ति जो वर्षों से अपने अस्तित्व को भूल गई है उसे जाग्रत कर सकें। यह भूली हुई शक्ति याद आ जाए इसलिए हम यहां बैठे हैं। हमको अस्तित्व पुनः जाग्रत करने की आवश्यकता पड़ी है, क्योंकि बहुत दिनों से हम सोए हुए हैं। हम वास्तविक भगवती का स्वरूप है यह मान लें और यह भी मान ले कि सारी शक्ति हम में निहित है। मेरा परिचय यह हो कि मैं भारत की तस्वीर हूं।
      हेमलता शास्त्री ने कहा कि आज अपने अस्तित्व को पहचानने की बात हो रही है। आप चेतन शक्ति, दिव्य आत्मा और दैवीय शक्ति हो। वेद कहता है कि तुम ब्राह्मणी हो। मेरा परिचय इतना है कि मैं भारत की तस्वीर हूं। जिस दिन तुम अपना स्वयं का सम्मान करने कर जाओगी, तुम्हें सम्मान मिलना शुरू हो जाएगा। नारी शक्ति का स्वरूप दिव्य और विराट है। अपनी सोच और मांग और बदलने की आवश्यकता है। अतः आगे बढ़ने के लिए संघर्ष करना होगा और अपना स्वयं का निर्माण स्वयं करना है। मातृशक्ति अपने ही संघर्षों और संकल्पों से आगे जाएगी। यहां से संकल्प लेकर जाएं कि अपनी जिंदगी अपने अस्तित्व के साथ जिएंगे।
कार्यक्रम अध्यक्षा डॉ० सीमा मिश्रा समाज सेविका ने कहा कि महिलाओं को अपनी सभ्यता, संस्कृति और देश की रक्षा करनी है। उन्होंने युवतियों से देश का गौरव बढ़ाने का आव्हान किया। मुख्य अतिथि ट्विंकल जैन आई०पी०एस० ने कहा कि जब महिलाएं एक साथ उठ खड़ी होती है आत्मविश्वास से परिपूर्ण हो जाती हैं। यह अकेले नहीं हो पाता, इसीलिए सभी महिलाएं एक साथ उठकर आगे बढ़े। कुछ बनने के लिए महत्वाकांक्षा और लक्ष्य तय करना आवश्यक है। तरूणी मोबाइल और रील बनाने से दूरी बनाएं और खुद को आत्मनिर्भर बनाने की इच्छा रखें तभी महिलाएं आगे बढ़ेंगी। सम्मेलन में डॉ० मालती मिश्रा प्रांत बौद्धिक प्रमुख राष्ट्र सेविका समिति ने भी विचार व्यक्त किए।
सम्मेलन से पूर्व अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित किया गया। अतिथियों का सम्मान किया गया। एकल गीत प्रिया पाराशर ने प्रस्तुत किया। विभन्न विद्यालयों की बच्चियों और युवतियों ने मंच पर मार्शल आर्ट का रोमांचकारी प्रदर्शन कर सभी की तालियां बटोरीं।
इस अवसर पर महानगर संघ चालक लक्ष्मी नारायण, प्रचारक आयेंद्र, विजय बंटा, श्रीओम, विमल, जगदीश, मुकेश शर्मा, अशीष शर्मा, बलबेंद्र साधु, सुबोध, सिकंदर सिंह ,धर्मेंद्र, शिवांगी, पूजा, दीक्षा, मोहन दास, दक्ष गोयल, सीताराम आदि सहित सैकड़ों युवतियां और मातृशक्ति उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में परिचय प्रीती महानगर कार्यवाहिका ने, संचालन सविता विभाग प्रचारिका ने और धन्यवाद ज्ञापन कीर्ति महानगर समन्वयक ने किया।

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