मथुरा डिप्टी कमिश्नर के वृद्ध पिता को हरदोई में पीट-पीट कर मार डाला

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मथुरा/हरदोई। मथुरा में तैनात डिप्टी कमिश्नर के वृद्ध पिता को दबंगों ने पाली के गांव मुड़रामऊ में पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की है। वारदात के बाद गांव में तनाव का माहौल है।

मुड़रामऊ निवासी रामेंद्र कुमार मथुरा में डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्रीज के पद पर तैनात हैं। उनके 75 वर्षीय पिता दयाराम, मां के साथ मुड़रामऊ गांव में रहकर खेती का काम देखते थे। गुरुवार सुबह करीब साढ़े दस बजे दयाराम खेत से चारा लेकर आ रहे थे। रास्ते में गांव के सगे भाइयों महावीर, रघुवीर के साथ परीक्षित उर्फ संदीप, मनोज व रजनीश ने उनको घेर लिया। विरोध करने पर इन लोगों ने लाठियों और बांके से हमला कर दिया। इन लोगों ने दयाराम को इतना पीटा कि वह बेदम होकर गिर पड़े। शोरगुल सुनकर दयाराम के भाई रामपाल व भतीजे देवेश दौड़कर मौके पर पहुंचे तो हमलावर भाग निकले। लहुलुहान दयाराम को परिजन पीएचसी ले गए जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया । ज्यादा गंभीर होने पर उन्हें लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। एएसपी (पश्चिम) दुर्गेश कुमार सिंह के अनुसार सुबह दयाराम की तरफ से ही मारपीट की तहरीर पुलिस ने ली थी, जिसे अब हत्या में तरमीम किया जाएगा। इंस्पेक्टर राजकुमार पांडेय के अनुसार गैस एजेंसी पुरानी रंजिश चल रही थी।

सूचना मिलने पर घर पहुंचे डिप्टी कमिश्नर

डिप्टी कमिश्नर रामेंद्र ने बताया कि कोई बड़ा विवाद नहीं था। गैस एजेंसी संबंधी मामूली विवाद को लेकर दूसरा पक्ष रंजिश मानने लगा था। गुरुवार को घटना के वक्त वह मथुरा में ड्यूटी पर थे। फोन पर भाई ने हमले की जानकारी दी। पिता के रेफर होकर लखनऊ पहुंचने की जानकारी पर वह वहां से पहले लखनऊ पहुंचे। इस बीच मौत की खबर मिली तो हरदोई आ गए। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों से लगातार बात हुई है। हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस का पूरा सहयोग मिल रहा है

यह है दोनों परिवारों में रंजिश की वजह

दयाराम के छोटे बेटे विजय प्रताप के नाम छह दिसंबर 2013 को एक गैस एजेंसी मंजूर हुई थी। आरोप है कि इसके बाद कूटरचित तरीके से महावीर ने विजय की गैस एजेंसी निरस्त करवा दी थी। बाद में महावीर ने खुद का नाम हंसराज रखकर गैस एजेंसी मंजूर करा ली थी। इस मामले में 2021 में दयाराम ने महावीर के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर पाली थाने में धोखाधड़ी करने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें महावीर को जेल भी जाना पड़ा था। जांच पड़ताल के बाद महावीर की गैस एजेंसी भी निरस्त कर दी गई थी। तभी से महावीर दयाराम पर खुन्नस रखता था। यही रंजिश दोनों बनी हुई है।

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