उच्च न्यायालय ने मांगी 2005 से पहले नियुक्त हुए लेखपालों की जानकारी, पुरानी पेंशन बहाली की बंधी आस

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मथुरा। पहले उच्च न्यायालय और फिर उप्र शासन के आदेश से पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष कर रहे लेखपालों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। उच्च न्यायालय ने प्रदेश के सभी जिलों में 2005 से पहले के नियुक्त हुए लेखपालों की जानकारी एक सप्ताह में मांगी है। उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में उप्र शासन ने जिलाधिकारी से मथुरा जिले में ऐसे लेखपालों के नाम आदि की सूचना मांगी है। मथुरा में तैनात कुल 242 लेखपालों में से 10 लेखपाल 2005 से पहले नियुक्त हुए थे।

रिट याचिका उप्र लेखपाल संघ द्वारा विनोद कुमार कश्यप बनाम उप्र राज्य में उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 26 अक्तूबर को सभी जिलों में 2005 से पहले के तैनात हुए लेखपालों की जानकारी मांगी थी। उप्र शासन द्वारा उक्त आदेश के अनुपालन के लिए 4 दिसंबर 2023 को उप्र के सभी जिलाधिकारियों से वर्ष 2005 से पूर्व की विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्त लेखपालों की सूची, विज्ञप्ति दिनांक, प्रशिक्षण उत्तीर्ण करने का दिनांक और कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक सहित एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के लिए निर्देश जारी किए गए है, जिससे उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का अनुपालन समय से कराना सुनिश्चित किया जा सके।
प्रदेश मीडिया प्रभारी उप्र लेखपाल संघ पश्चिमी ज़ोन नितिन चतुर्वेदी और जिला मीडिया प्रभारी उप्र लेखपाल संघ चन्द्रशेखर वर्मा ने बताया कि उक्त आदेश के अनुपालन से वर्ष 2005 के पूर्व की विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्त लेखपालों को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ मिलने का पूर्ण भरोसा है। उक्त पत्र जारी कराने के लिए प्रदेश अध्यक्ष राममूरत यादव और प्रदेश कार्यकारिणी की उपस्थिति एवं सहयोग अतुलनीय, सराहनीय एवं प्रसंसनीय है।
उन्होंने बताया कि जिले में कुल 242 लेखपाल हैं। इनमें से 10 लेखपाल ऐसे हैं, जिनकी नियुक्ति 2005 से पहले हुई थी।

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