ब्रज रज उत्सव-2023 का आयोजन 14 नवंबर से रेलवे ग्राउंड पर, तैयारियां पूर्ण

बृज दर्शन

उत्सव के प्रथम दिन सायं 07 बजे से इशिता विश्वकर्मा के भजन और गीत होंगे

ब्रज की कला और संस्कृति का होगा संगम, व्यंजन व शिल्पियों के हाथों से बना सामान रहेगा आकर्षण का केंद्र

ब्रज के स्थानीय लोक कलाकार और राष्ट्रीय स्तर के बड़े कलाकारों का लगातार 14 दिन तक ‘ब्रज रज उत्सव’ में कार्यक्रम

उत्सव के मध्य में 23, 24 व 25 नवंबर को संत मीराबाई जन्मोत्सव के विशेष कार्यक्रम

बच्चों के लिए लगाए गये कई तरह के झूले, हैंडीक्राफ्ट के स्टाल भी लगेंगे, ब्रज में बनने वाली पोशाक और कंठीमाला प्रदर्शनी

मथुरा। भगवान श्री कृष्ण की लीलास्थली ब्रज का सांस्कृतिक स्वरूप अनूठा है। ब्रज की संस्कृति, कला, शिल्प के साथ देश- प्रदेश की कला, संस्कृति, व्यंजन के संगम के रूप में ब्रज रज उत्सव का आयोजन उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद, उप्र पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है। इस आयोजन से ब्रज की कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए बढ़ावा मिलेगा।
इस बार भी ये उत्सव रेलवे ग्राउंड (धौलीप्याऊ) पर 14 से 17 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें हर दिन स्थानीय व राष्ट्रीय पहचान रखने वाले कलाकारों के यादगार कार्यक्रम होंगे।
इस वर्ष उत्सव को वृहद रूप दिया जा रहा है, जिसमें संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार प्रमुख भागीदार है। साथ ही हस्तशिल्प विभाग द्वारा स्थानीय शिल्पकारों की भागीदारी करायी जा रही है। इनकी अलग-अलग स्टाल हैं।
सायं 07 बजे से राष्ट्रीय स्तर के नामचीन कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जो उत्सव का आकर्षण का केंद्र होंगी। स्थानीय लोक कलाकार भी अपनी अनूठी विधाओं की प्रस्तुतियां देकर महोत्सव को एक अद्भुत लोक रूप प्रदान करेंगी।
वैले कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
14 नवंबर मंगलवार को सायं 07 बजे से इशिता विश्वकर्मा के गीत व भजन होंगे। अगले दिनों में सायं काल 07 बजे से पुनीत इस्सर (महाभारत का दुर्योधन), कविता कृष्ण मूर्ति, मालिनी अवस्थी, अनुराधा पोडवाल आदि बड़े कलाकारों के कार्यक्रम भी हैं।
उत्सव में लगभग 800 कलाकार अलग-अलग ग्रुपों में ब्रज के लोक संगीत, गीत, मंचन आदि के सायं 04 बजे से 07 बजे तक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। प्रत्येक ग्रुप में कई-कई कलाकार होंगे। ये सभी ब्रज की संस्कृति व कला को जीवंत करेंगे। ब्रज की पुरानी विधा ढोला, रांझा, लावनी, जिकड़ी भजन, अलगोजा, नौटंकी, लोकगीत, श्रीकृष्ण-राधा की लीला, मयूर नृत्य, चरकुला नृत्य व फूलों की होली आदि कार्यक्रम अलग अलग दिन मंच पर और मेला प्रांगण में कराए जाएंगे।

ब्रज रज उत्सव में मीराबाई की 525 वीं जयंती पर हेमा जी का मीरा पर विशेष प्रोग्राम

मथुरा। ब्रज रज उत्सव के मध्य में 23, 24 व 25 नवंबर को संत मीराबाई फेस्ट (जन्मोत्सव) का आयोजन प्रमुखता से मनाया जाएगा। इसमें रेलवे ग्राउंड मेला स्थल पर ही 23 नवंबर को हेमामालिनी जी और उनके साथी कलाकार मीराबाई
वेटरिनरी यूनिवर्सिटी परिसर स्थित पं दीनदयाल उपाध्याय सभागार में मीराबाई पर 24 व 25 नवंबर को राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। यह संगोष्ठी दो दिन चलेगी। इसमें देश भर से प्रमुख विद्वान वक्ता आमंत्रित किए गए हैं।
राष्ट्रीय संगोष्ठी में वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा मीराबाई पर प्रकाशित साहित्य की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। वृंदावन स्थित मीराबाई मंदिर की भव्य सजावट भी होगी।

मीरा पर बनी दो फिल्मों का शो होगा
मथुरा। मीराबाई के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में ही उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने हेमा मालिनी जी द्वारा अभिनीत वर्ष 1979 की फिल्म ‘मीरा’ का शो 24 नवंबर को रूपम टाकीज में रखवाया है। शुभलक्ष्मी द्वारा अभिनीत वर्ष 1947 में निर्मित फिल्म ‘मीरा’ को भी दर्शकों को 25 नवंबर को दिखवाये जाने की व्यवस्था की गयी है।

स्कूलों में होगी मीराबाई पैटिग प्रतियोगिता

मथुरा। अलग-अलग माध्यमिक विद्यालयों के बच्चे रोजाना मंच पर दोपहर 12 से 02 बजे तक अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा दिखाएंगे।
विद्यालयों में बच्चों की मीरा बाई पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाएगा। इसके नोडल अधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक हैं। श्रेष्ठ बच्चों को उत्सव के बाद सम्मानित किया जाएगा।

बच्चों के लिए झूले, हैंडीक्राफ्ट स्टाल भी लगेंगी

मथुरा। ब्रज रज उत्सव के अंतर्गत रेलवे मैदान मेला स्थल को आकर्षक बनाने के लिए भव्य सजावट की गयी है।
बच्चों के लिए कई तरह झूला लगाए गये हैं। दर्शक कई तरह के खान-पान का स्वाद भी ले सकेंगे। हैंडीक्राफ्ट की स्टाल लगी हैं।
विश्व बैंक की प्रॉपर टूरिज्म स्कीम के अंतर्गत शिल्पी महिलाएं भगवान जी की पोशाक और कंठी माला आदि वहीं बनाएंगी और वहीं बिक्री करेंगी। लोग उनकी खरीदारी भी कर सकेंगे। सेल्फी प्वाइंट भी बनाये जा रहे हैं, जो आकर्षण का केंद्र रहेंगे। 800 लोगों के बैठने का भव्य पंडाल बनाया गया है।

श्रीकृष्ण भक्ति में भाव-विभोर भक्त शिरोमणि मीराबाई

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