होटल उद्योग से जुड़े 20 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट, सड़कों पर उतरेंगे

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सैकडों होटल, गेस्ट हाउस आश्रम, मैरिज होम्स आदि को भेजे नोटिसों का दुष्परिणाम आने लगे

योगी सरकार की प्रदेश में बढती पर्यटन उपलब्धियों पर लगने लगा ग्रहण

प्राधिकरण दबाब बनाने के बजाय होटल उद्योग को रियायत दे, कंपाउंडिग कराये

मथुरा/वृंदावन। आगरा की मंडलायुक्त के आदेश पर मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने आजकल जो तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाया हुआ है, उसका असर दिखने लगा है। प्राधिकरण के द्वारा मथुरा और वृंदावन के अलावा जनपद के अन्य तीर्थ कस्बों के होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस एवं रेस्टोरेंट आदि भेजे नोटिस के प्रत्युत्तर में इनके प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की व्यवस्था कर ली है।
सरकारी उत्पीड़न का ये ही रवैया जारी रहा तो ब्रज में ये होटल कारोबार पूर्णतः बंद हो सकता है। जिन होटल, गेस्ट हाउस, मैरिज होम और रेस्टोरेंट को नोटिस थमाये जा रहे हैं, उनमें से अनेक के प्रबंधन ने अब अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के नोटिस रिसीव करा दिए हैं। इन नोटिस में प्रबंधन ने लिखा है कि स्थानीय प्रशासन खासकर विकास प्राधिकरण होटल, मैरिज होम्स, गेस्ट हाउस व रेस्टोरेंट को बंद कराने, सीज कराने की बात कह चुका है। इस कारण आपकी नौकरी अनिश्चित है। कभी भी आपको हटाया जा सकता है।
अकेले वृंदावन में 20 हजार कर्मचारी होटलों में काम करते हैं। इनकी रोजी- रोटी संकट में है। अब ये हजारों कर्मचारी प्राधिकरण के खिलाफ कभी भी सड़कों पर उतर सकते हैं।
ये नोटिस नगर विकास अधिनियम की धारा 1973 के अंतर्गत भेजे गये हैं। हकीकत तो यह है कि ज्यादातर होटलों, गेस्ट हाउस आदि के प्राधिकरण से नक्शा पास हैं। फूड्स, फायर आदि की एनओसी भी उनके पास है। ज्यादातर बड़े होटलों ने तो प्रदूषण संबंधी एनओसी भी ले रखी है।
कई होटल प्रबंधन का कहना है कि होटल ही नहीं हर उद्योग के संचालन में एक-दो सरकारी औपचारिकताओं की कमी रहती है, उन्हे समय-समय पर उद्योग प्रबंधन पूरी करते रहते हैं। ऐसे ही होटल उद्योग के प्रबंधन उन कमियों को दूर कर लेंगे। विकास प्राधिकरण को चाहिए कि वह कंपाउंडिग सिस्टम अपनाए जिससे होटल चलते रहें और किसी की रोजी रोटी भी न छिने।
इस संकट का असर ब्रज के समूचे पर्यटन सिस्टम पर पड़ रहा है। इस तरह की कार्रवाईयों से पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार को मिलीं उपलब्धियों का ग्राफ का घटना और बदनामी होना तय है। मुख्यमंत्री जी का चाहिए कि वह ब्रज के होटल उद्योग को बचाने के लिए आयुक्त के फरमान को रद्द कराएं। आयुक्त को चाहिए कि वे विकास व कानून व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान दें।

होटल उद्योग बचाने के लिए मुख्यमंत्री और सांसद हेमा मालिनी से होगी शिकायत

वृंदावन। सैकडों होटल सील करने की चेतावनी वाले नोटिस भेजे जाने के खिलाफ सैकड़ों होटल कारोबारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 11 अक्टूबर को फरह के नगला चंद्रभान आगमन पर और सांसद हेमा मालिनी से प्राधिकरण एवं आयुक्त की शिकायत करेंगे।
मथुरा वृंदावन में मंत्रियों के परिजनों, रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स, विधायकगण, अनेक संतजनों के गेस्ट हाउस/ आश्रम, मैरिज होम, होटल व रेस्टोरेंट आदि हैं। ये सभी प्राधिकरण की मनमानी के खिलाफ हैं।

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