मित्रता हो तो कृष्ण-सुदामा जैसी- संगीताचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवंशी

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सङ्गीत नाटक आकदमी, नई दिल्ली के सहयोग से ब्रज संस्कृति केन्द्र,मथुरा ने किया लोकनाट्य- कृष्ण सुदामा का भावपूर्ण मन्चन

लोकनाट्य कलाकारों व उन्नायकों को रामनारायण अग्रवाल कला-भूषण सम्मान:2024 से किया गया सम्मानित

वृन्दावन/मथुरा। ब्रज की सुप्रसिद्ध संस्था ब्रज संस्कृति केन्द्र, मथुरा के द्वारा केंद्रीय सङ्गीत नाटक अकादमी,नई दिल्ली के सहयोग से शान्तनु इंटर कॉलेज,सतोहा (मथुरा) परिसर में चल रहे दस-दिवसीय लोकनाट्य प्रशिक्षण शिविर का समापन गीता शोध-संस्थान,वृन्दावन के मुक्ताकाशीय मंच पर लोकनाट्य कृष्ण-सुदामा के भावपूर्ण मन्चन के साथ हुआ।


अध्यक्षता- सुप्रसिद्ध रंग आचार्य और गीता शोध संस्थान,वृन्दावन के निदेशक डॉ. दिनेश खन्ना द्वारा की गयी तथा भारत की यात्रा पर आये हुए बर्गइंगम विश्वविद्यालय,बर्गइंगम (इंग्लैंड) के धर्मगुरु पण्डित मदन लाल शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में मंचासीन रहे।
विशिष्ट अतिथि थे गीता शोध संस्थान के कोऑर्डिनेटर श्री चंद्रप्रताप सिकरवार, डॉ. देव प्रताप सिंह (प्राचार्य- प्रेम महाविद्यालय),वरिष्ठ साहित्यकार व ब्रज भाषा कवि श्री अशोक अज्ञ व मोहन लाल मोही, समाज सेवी- कपिल उपाध्याय, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मन्त्री- अमन पाण्डेय, विवेकानंद शिक्षण संस्थान समूह के निदेशक- कृष्णा फौजदार, प्रसिद्ध युट्यूबर- प्रवीण मिथिला, अमन पाण्डेय (संगठन-मंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद,मथुरा), अमित काशी (नगर प्रचारक: राष्टीय स्वयं सेवक संघ,मथुरा)।

सर्वप्रथम अतिथियों ने श्रीराधा-कृष्ण की युगल छवि पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया तथा संस्था के पदाधिकारियों ने उत्तरीय उढ़ाकर उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में संस्था द्वारा वरिष्ठ लोकनाट्य कलाकारों व उन्नायकों को रामनारायण अग्रवाल लोककला-भूषण सम्मान:2024 से सम्मानित किया गया। संस्था के महामंत्री डॉ. खेमचन्द यदुवंशी ने कहा कि सङ्गीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के सहयोग से इस मन्चन के माध्यम से संस्था का यह प्रयास है कि वर्तमान समाज में मित्रता के भाव को और अधिक प्रभावी बनाया जाय,एक दूसरे के सुख-दुःख में भागीदारी करते हुए मित्रता भी कृष्ण-सुदामा जैसी होनी चाहिए।”
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. दिनेश खन्ना ने कहा कि भगतलीला ब्रज का अति प्राचीन लोकनाट्य है जो किसी भी सन्देश को सरलता के साथ प्रसारित का उत्तम मध्यम है। मुख्य अतिथि पंडित मदन लाल शर्मा ने रहस्योद्घाटन करते हुए बताया- “इंग्लैण्ड में भी कृष्ण-सुदामा की मित्रता का उदाहरण देते हुए लोग फ्रेंड्स-डे मनाते हैं, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर प्रवासी भारतीय व वहाँ के स्थानीय नागरिक कृष्ण- सुदामा के नाटक का मन्चन साथ साथ करते हैं।”
कार्यक्रम के दूसरे चरण में संगीताचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवंशी द्वारा प्रशिक्षित कलाकारों ने उनके निर्देशन में लोकनाट्य- कृष्ण सुदामा का भावपूर्ण मन्चन किया जिसमें चौधरी रामहेत सिंह, प. होतीलाल पाण्डेय, ऋतुराज यदुवंशी, जाफ़री बेगम, ललिता यदुवंशी, चौधरी रुस्तम सिंह, गया लाल बौद्ध, प्रद्युम्न यदुवंशी, हेमा ब्रजवासी, सुनील ब्रजवासी, अशोक कुमार नीलेश, भजन लाल बौद्ध, प्रिंसी चौधरी, ध्रुव चौधरी, सुनील कुमार आदि ने टीपदार स्वर लहरी के साथ भावपूर्ण अभिनय कर मित्रता के महत्व को समझाया। वादक कलाकार मास्टर हीरालाल, यासीन खान और नितिन ब्रजवासी ने स्वर लय और ताल का अनूठा संगम प्रस्तुत कर वाह वाही लूटी।
संचालन डॉ. शैल कुमारी गौतम ने किया तथा चन्द्र प्रताप सिकरवार ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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