यमुना मिशन की मनमानी से यमुना के समीपवर्ती कालोनियों का भूगर्भजल हो रहा खराब

मथुरा समाचार

मथुरा। यमुना में आयी बाढ़ के गुजर जाने के बाद अशोक विहार, श्याम सुंदर कालोनी और कन्हैया कुंज आदि कालोनियों का भूगर्भजल खराब होने की बात सामने आयी है। इन इलाकों के मकानों में सबमर्सिबल से खराब पानी आया, बल्कि कई मकानों में तो खराब पानी की समस्या अब लगातार होती जा रही है। इसका कारण नाले का ओवरफ्लो होना है। यमुना मिशन संस्था के बेतरतीब कार्यों का खामियाजा इन इलाकों की जनता को भुगतना पड़ सकता है और पेयजल की समस्या से जूझना पड़ सकता है।
दरअसल कन्हैया कुंज, श्याम सुंदर कालोनी और अशोक विहार के समीप से गुजरने वाले नाले क्षेत्र की जलनिकासी का प्रमुख साधन है। लेकिन इसी नाले का रास्ता यमुना मिशन नामक संस्था ने अवरुद्ध कर दी है। इससे एक ओर तो यमुना नदी की धारा बदल रही है तो दूसरी ओर बिना इजाजत यमुना किनारे जेसीबी और ट्रैक्टरों से रास्ता बनाकर इस नाले का मार्ग अवरुद्ध कर दिया गया है। नाला अवरुद्ध होने के बाद बार बार पानी ओवरफ्लो हो जाता है और नाले की तली पर पानी का दबाव बढ़ने पर गंदा पानी भूगर्भ जल तक पहुंच जाता है। यही गंदा पानी सबमर्सिबल के माध्यम से लोगों की रसोई में पहुंच रहा था।
सबसे बड़ी बात यह कि नाले का मार्ग यमुना मिशन के लिए रास्ता बनाने के लिए अवरुद्ध किया जा रहा है, जिस रास्ते की कोई जरुरत नहीं है। सदर स्थित महादेव घाट और अशोक विहार स्थित सुदर्शन घाट के बीच किसी रास्ते की कोई जरुरत नहीं है। न तो स्थानीय निवासियों की कोई आवाजाही है और न ही इस रास्ते से कोई माल परिवहन होता है। यह रास्ता अवैध रूप से यमुना मिशन संस्था ने अपने प्रयोग के लिए तैयार किया था, जिसका खामियाजा एक बड़े इलाके के लोगों को भविष्य में पेयजल समस्या के रूप में भुगतना पड़ सकता है।

सरकारी रोक के बावजूद हो रहा गलत तरीके से कार्य
विवादित संस्था यमुना मिशन का कार्य यमुना किनारे की जमीन को पर्यावरण और स्वच्छता की आड़ में कब्जाने के चलते पूर्व में एनजीटी के निर्देश पर जिला प्रशासन, नगरनिगम और सिंचाई विभाग ने रुकवाया था। साथ ही संस्था का पक्का और अवैध निर्माण भी हटाया था। कई निर्माण तो ऐसे बेनामी थे, जिनको तोड़े जाने के वक्त किसी ने जिम्मेदारी तक नहीं ली थी। यमुना मिशन ने धार्मिक कार्यों की आड़ में जो पक्के निर्माण किए थे, उनको जयसिंहपुरा क्षेत्र में पूर्व में तोड़ा जा चुका है, लेकिन अब उनकी निगाह सदर क्षेत्र के यमुना किनारे की ओर है।

आम जनता की आड़ में हो रहे कार्य
यमुना मिशन संस्था ने अपने पूर्व अनुभवों के चलते अब अपना पैटर्न बदल दिया है। बिना कोई अनुमति लिए संस्था ने काम दोबारा चालू कर दिया और अब उनका पूरा जोर जनता के कंधे पर रखकर बंदूक चलाना है। अब संस्था मंदिर, भजन-कीर्तन की आड़ में महिलाओं को एकत्र कर रहा है। इसके लिए यमुना मिशन अपने कर्मचारियों को प्रसाद के रूप में फंडिंग भी कर रहा है। लेकिन ध्यान इस बात का रखा जा रहा है कि किसी के पूछने पर यमुना मिशन का नाम तक न आए और सारे काम जनता के लोगों के बता दिए जाएं। इससे यमुना मिशन पाक साफ बना रहेगा, जबकि यमुना किनारे केवल उसी के कर्मचारी रहेंगे तो कब्जा तो उसका ही रहेगा।

बिना बिल के धड़ल्ले से हो रही बिजली चोरी
यमुना मिशन संस्था ने पर्यावरण के नाम पर अशोक विहार क्षेत्र में कई सालों से बिजली चोरी के कारनामे को लगातार अंजाम दिया है। इसमें बिजली विभाग के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है। पौधों को पानी लगाने के नाम पर केबिल डाल कर कई सालों से बिजली चोर राज्य सरकार को हानि पहुंचा रहे हैं। बिना कोई कर चुकाए बिजली पानी और फंड मिलने के कारण ही अब यमुना किनारे पर नशेड़ियों-चिलमबाजों का अड्डा बन रहा है।

Spread the love