ब्रज के मूर्धन्य विद्वान लोकभूषण राम नारायण अग्रवाल ‘भैयाजी’ की मनाई गई जन्म-शताब्दी

बृज दर्शन

● सेना की 400 रुपये माह की सरकारी नौकरी छोड़ साहित्य परिषद की स्थापना कर ब्रज की लोककलाओं के उत्थान हेत की साहित्य सेवा।
● ब्रजभाषा व लोककलाओं के उत्थान हेतु मथुरा में स्थापित कराई थी आकाशवाणी।
● ‘भगत-सांगीत एक लोक परम्परा’ ग्रन्थ के लिए मिला 1990 में 50 हजार की धनराशि सहित मिला लोकभूषण सम्मान।
● ब्रज लोक संस्कृति परक लगभग 200 ग्रन्थों की रचना कर संरक्षित की ब्रजलोक संस्कृति।
● हाथरस में ब्रजलोक संस्थान व मथुरा में0 ब्रज सङ्गीत विद्यापीठ व ब्रज कलाकेंद्र की थी स्थापना।

मथुरा। अखिलभारतीय ब्रज संस्कृति केन्द्र,मथुरा (रजि.) व आर.एन. रिसर्च इंस्टीट्यूट, मथुरा द्वारा कृष्णा नगर स्थित कार्यालय प्रांगण में ब्रज के मूर्धन्य विद्वान स्व. रामनारायण अग्रवाल ‘भैया जी’ की जन्म-शताब्दी (100वीं जयंती) हर्सोल्लास पूर्वक मनाई गई जिसकी अध्यक्षता आकाशवाणी मथुरा-वृन्दावन व दूरदर्शन निर्माण केन्द्र,मथुरा के केन्द्र प्रमुख सर्वेश कुमार द्वारा की गई। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ लोकनाट्यविद व अभिनेता डॉ. अष्टभुजा मिश्रा (मुम्बई) उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम अतिथियों ने भैयाजी के छविचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित कर उन्हें नमन किया तथा ऋतुराज यदुवँशी ने गुरुवंदना-
“जय जय जय गुरुवर मेरे, भैयाजी श्री राम नारायन। देकर अद्भुत ज्ञान मुझे, कीन्ही कृपा महान।।” प्रस्तुत करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की।
तदोपरांत ‘ब्रज की लोककलाओं के उत्थान में ‘भैयाजी’ की भूमिका” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कला मर्मज्ञों ने उनके द्वारा लोककलाओं के उत्थान हेतु किये गए कार्यों पर चर्चा की जिसमें लोककलाकार अशोक कुमार नीलेश,डॉ. मुकेश वर्मा सोनी (जयपुर), डॉ. एस. एस. अग्रवाल (आगरा),राहुल गौड़ व रेखा उपाध्याय (हाथरस) प्रद्युम्न यदुवँशी (मथुरा), आदि प्रमुख थे।
इसी क्रम में संस्था के महामंत्री डॉ. खेमचन्द यदुवंशी ने स्पष्ट किया – “भैयाजी ने ब्रज की भगत सांगीत-नौटंकी,रासलीला,रामलीला,ख्याल लावनी, ब्रजभाषा काव्य और नाटक आदि विधाओं पर 200 से अधिक ग्रन्थों की रचना करके लोक संस्कृति का पोषण किया जिनके माध्यम से ये लोककलाएं आज तक जिंदा हैं। अब हम सभी का दायित्व है कि इन लोककलाओं को संरक्षित करते हुए नई पीढ़ी को इनसे जोड़ें।”
मुख्य अतिथि डॉ. अष्टभुजा ने कहा- “उनकी स्मृति में एक स्मृति-ग्रन्थ का प्रकाशन हो और प्रतिवर्ष एक लोकोत्सव होना चाहिए।”
अध्यक्षीय उद्बोधन में आकाशवाणी व दूरदर्शन मथुरा के केन्द्र अध्यक्ष सर्वेश कुमार ने बताया कि मथुरा में आकाशवाणी की स्थापना स्व. राम नारायण अग्रवाल जी की ही देन है। इससे पूर्व वह आकाशवाणी दिल्ली पर ब्रज कार्यक्रम व ब्रज माधुरी कार्यकम के संयोजक अधिकारी थे,वास्तव में वह एक युग-पुरुष थे।”
कार्यक्रम का सफल संचालन आकाशवाणी मथुरा के उद्घोषक डॉ. दीपक गोस्वामी ने किया तथा प्राचार्य दिनेश कुमार राजावत ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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