हत्यारोपी को आजीवन कारावास

हाथरस

-एडीजीसी शिवेंद्र चौहान की दलीलों ने दिलाया पीड़ित को न्याय
-2011 में हुई थी हत्या

(फोटो- शिवेंद्र सिंह चौहान एडीजीसी)

हाथरस। हत्या के एक मामले में सेशन न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया है। दोषी को आजीवन सश्रम कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भोगने का भी न्यायालय ने आदेश दिया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक वादी मुकदमा अजीत सिंह पुत्र विजयपाल ने थाना सादाबाद ने थाने पर 01 सितंबर 2011 को प्रथमिकी दर्ज करते हुए कहा था कि 01 सितंबर 2011 को समय करीब 5.30 बजे शाम पीड़ित व उसके पिताजी अपनी मोटरसाईकिल से तथा उसके चाचाजी नेत्रपाल सिंह पुत्र ओंकार सिंह हाथरस से समदपुर वाले रास्ते से लौट रहे थे। चाचा अपनी बाइक पर हमसे करीब 50 कदम आगे थे। समदपुर वाली पुलिया के पास उसके उसके चाचा पर जुगेंद्र सिंह पुत्र सौदान सिंह व उनके दो साथी नाम पता अज्ञात ने एकदम गोलियां चला दी। हमने ललकारा तो हमारे ऊपर भी फायर किया, लेकिन लेकिन हम बाल-बाल बच गये और हमलावर रसीदपुर की ओर भाग गये। हमने शोर मचाने और फायरों की आवाज सुनकर बहुत से लोग आ गये। चाचा को देखा तो मृत पड़े थे।
पुलिस ने मामले में विवेचना के बाद आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया प्राथमिक सुनावाई के बाद सत्र परिक्षण के लिए फाइल सेशन कोर्ट भेजी गई। पूरे मामले में अपर जिला शासकीय अधिवक्ता शिवेंद्र चौहान ने गवहा और सबूतों न्यायालय में पेश कर आरोपी को गघन्य अपराध के लिए कठोर से कठोर सजा की मांग की। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्रिलोकपाल सिंह ने आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 302 में आजीवन सश्रम कारावास और 20 हाथरस अर्थदंड। न दिये जाने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास। धारा 307 में पांच वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार बतौर अर्थदंड। न दिए जाने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी शिवेंद्र चौहान ने पैरवी की है।

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