मथुरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान के आसपास के 10 किलोमीटर के क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किया है। इसमें मथुरा वृंदावन नगर निगम के 22 वार्ड आच्छादित हैं। अब तीर्थ स्थल घोषित किए गए संपूर्ण क्षेत्र में मांस मदिरा और अंडे की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा।
मुख्यमंत्री के इन्हीं आदेशों के क्रम में जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने अवगत कराया है कि शासन द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के अन्तर्गत स्थित जनपद मथुरा एवं वृन्दावन भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली एवं क्रीडास्थली है। मथुरा एवं बृन्दावन को पवित्र स्थल मानते हुये देश एवं विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने एवं पुण्यलाभ हेतु आते है। उक्त तीर्थ स्थलों की पौराणिक महत्ता है एवं पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है।
अत: उत्तर प्रदेश राज्य के नगर निगम मथुरा वृन्दावन के निम्नलिखित 22 वार्डों के अधिसूचित क्षेत्र को एतदद्वारा पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया जाता है-
1 घाटी बहालराय
2 गोविन्द नगर
3 मंडी रामदास
4 चौबियापाडा
5 द्वारिकापुरी
6 नवनीत नगर
7 वनखण्डी
8 भरतपुर मेट
9 अर्जुनपुरा
10 हनुमान टीला
11 जगन्नाथपुरी
12 गउघाट
13 मनोहरपुरा
14 बैरागपुरा
15 राधानगर
16 बदरीनगर
17 महाविद्याकालोनी
18 कृष्णानगर प्रथम
19 कृष्णानगर द्वितीय
20 कोयला गली
21 दम्पियर नगर
22 जय सिंह पुरा आदि को तीर्थ स्थल घोषित किये गये हैं।
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नशे के शौकीनों को नहीं करनी पड़ेगी मशक्कत: राहत या दुर्भाग्य
मुख्य शहरी क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किए जाने के बाद भीलोगों को मांस मदिरा या अंडों के लिए दूर नहीं भटकना पडे़गा। दरअसल क्वालिटी तिराहे से टैंक चैराहे की ओर का पूरा हिस्सा तीर्थ स्थल की सीमा से बाहर है। इसी स्थान पर बीयर बार और माॅडल शाॅप भी हैं। साथ ही देशी शराब के साथ साथ पुराने बस स्टैंड पर अंडों की बिक्री भी खूब होती है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि तीर्थ स्थल घोषित किए गए क्षेत्रों के मांस-मदिरा के शौकीन लोग आखिर किस तरह अपनी तलब शांत करेंगे।
यह हिस्सा वार्ड नंबर 58 में आता है। इस वार्ड के पार्षद हेमंत अग्रवाल ने इस पूरे क्षेत्र को तीर्थ स्थल की सीमा के अंदर लाने के लिए नगरनिगम को पत्र भेजा है। ताकि तीर्थ स्थल की गरिमा बनी रहे।