– लखनऊ टीम की जांच में 26 मरीज़ निकले इस खतरनाक बुखार से पीड़ित
फरह। लखनऊ से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम की जांच में कोंह में स्क्रब टाइफस के 26 मरीज निकले हैं। 40 डेंगू बुखार से पीड़ित मिले हैं।
जाँच रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और ज्यादा सक्रिय हो गया है। गांव में न तो बुखार थमने का नाम ले रहा था न मौतें। स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में खड़ा होता जा रहा था। स्थिति विस्फोटक देख दो दिन पूर्व लखनऊ से एक टीम गांव पहुंची। ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए और जांच की गई तो 26 ग्रामीण एक नए तरह के बुखार स्क्रब टाईफस से पीड़ित मिले। 40 लोग डेंगू बुखार के शिकार थे। सात ग्रामीणों के मलेरिया बुखार होने की पुष्टि हुई। जांच रिपोर्ट आने के बाद सोमवार को केंद्र अधीक्षक डॉ पारुल मित्तल के नेतृत्व में डॉक्टरो की एक टीम गांव पहुंची और पीड़ित लोगों को दवाइयां वितरित की। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ मित्तल ने बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है। सभी लोग स्वस्थ्य है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। समय समय पर जांच की जा रही है और ग्रामीणों को दवा दी जा रही है। स्वास्थ्य केंद्र की ओर से एक टीम इस काम में लगाई गई है। डॉ मित्तल ने
बताया कि स्क्रब टाइफस एक तरह का बुखार है, दो हजार लोगों में से एक-दो व्यक्ति ही इससे पीड़ित होते है। पूर्व में राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी स्क्रब टाइफस अपने पैर पसार चुका है।
दूसरी ओर यह भी आशंका जताई जा रही है कि कोंह में लगातार हुई मौत के पीछे स्क्रब टाइफस ही तो नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार डेंगू से कई गुना अधिक तेजी से स्क्रब टाइफस का बैक्टीरिया लिवर और माइंड पर अटैक करता है। इसकी वजह से मौत की आंशका अधिक हो जाती है।
ये है स्क्रब टाईफस और इसके लक्षण
सिटी हास्पिटल के डा. गौरव भारद्वाज ने बताया कि स्क्रब टाइफस बुखार के लक्षण सामान्य होते हैं, लेकिन समय से इलाज न मिले तो मरीज तीन-चार दिन में गंभीर हालत में चला जाता है। स्क्रब टाइफस एक जीवाणुजनित संक्रमण है। इसके लक्षण कुछ-कुछ चिकनगुनिया जैसे होते हैं। डा. अंशु शर्मा मेडिक्लीनिक की सीनियर चाइल्ड स्पेशलिस्ट डा. अंशु शर्मा ने बताया कि यह स्क्रब टाइफस माइट के काटने से होता है। इसमें बुखार ठंड के साथ आता है। पांचवें दिन उल्टी के साथ काले दाने निकलना शुरू हो जाता है।
पुरानी लकड़ी में पनपता है स्क्रब टाइफस–
विशेषज्ञों का कहना है कि स्क्रब टाइफस एक तरह का कीड़ा है। यह बहुत पुरानी लकड़ी में पनपता है। जू और खटमल की तरह होता है। शरीर में काट लेने से बुखार का आना शुरू हो जाता है।