- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर 26 स्वास्थ्य इकाईयों पर की गयी जांच
-प्रसव में होने वाली जटिलताओं से अवगत कराया, एहतियात सुझाए गये
- पहली बार गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण भी खोजे गये
मथुरा। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह की नौ तारीख को होने वाली गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। जांच में उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं के अलावा टीबी रोगी महिला भी चिन्हित कर उन्हें सुरक्षित रहन-सहन के तौर-तरीके सुझाए गए।
शुक्रवार को जिले में 23 सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर कुछ महिलाएं ऐसी मिलीं, जिनमें खून की कमी थी या अन्य कोई संक्रमण था। इन महिलाओं को उन्हें प्रसव के दौरान कोई दिक्कत आ सकती है।
सीएमीएमओ डा. रचना गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण में गर्भवती महिलाओं टीबी जांच भी की गई। उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें बलगम तो नहीं आता? लगातार खांसी तो नहीं है ? या परिवार में कोई टीबी का मरीज तो नहीं है ? उनकी लगातार जांच कराने के निर्देश दिए गए । किसी भी तरह की परेशानी होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दी गई।
उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था क्या है-
मथुरा। गर्भावस्था के दौरान खून या अन्य पोषक तत्वों की कमी, हाईपरटेंशन, शुगर, एचआइवी, गर्भ में जुड़वा बच्चे होना, पिछला प्रसव सिजेरियन होना या गर्भपात होना, कम या ज्यादा उम्र में गर्भधारण होना आदि समस्या हो सकती है। अभियान का उद्देश्य जोखिम वाली महिलाओं को चेक कर सचेत किया।