अदालत ने अभियुक्त पर दस हजार रूपये का अर्थदण्ड भी लगाया
-वृंदावन कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2015 में हुई थी राया के युवक की हत्या
मथुरा। वृंदावन कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2015 में क्रिकेट के बेट से पीट-पीट कर हत्या करने वाले को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नितिन पांडे ने आजीवन कारावास और दस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। शासन की ओर से इस मामले की पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता अभिषेक कुमार सिंह द्वारा की गई।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि नगला दखिनी राया निवासी हजारी की पांच वर्षीय बेटी गुड़िया के पैर की हड्टी दुर्घटनावश टूट गई थी। वह अपनी बेटी को संयुक्त जिला अस्पताल में दिखाने के लिए गांव के कुंवर पाल की मोपेड मांग कर ले आया था। उसे मोपेड चलना नहीं आती थी। इस कारण हजारी लक्ष्मण को अपने साथ में वृंदावन के संयुक्त जिला चिकित्सालय आया था। बेटी को दिखा कर दोनों 15 मई 2015 को गांव वापस लौट रहे थे। राजपुर गांव के खादर में क्रिकेट के बेट से पीट-पीट कर लक्ष्मण की हत्या कर दी गई। मृतक के पिता प्रेमपाल ने बेटे की हत्या के मामले की रिपोर्ट दो अज्ञात लोगों के खिलाफ वृंदावन कोतवाली में दर्ज कराई थी। एडीजीसी अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि हजारी ने पुरानी रंजिश के चलते लक्ष्मण की हत्या की थी। पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए हजारी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया। अदालत ने हजारी को लक्ष्मण की हत्या का दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास और दस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। एडीजीसी ने बताया कि हजारी गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में निरूद्ध है।