छाता में स्थापित होगी 3000 टीडीएस की शुगर मिल, योगी कैबिनेट ने स्वीकृत किया प्रस्ताव

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मथुरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को लोकभवन में संपन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में जनपद की बंद पड़ी छाता चीनी मिल की भूमि पर 3000 टीसीडी (4900 टीसीडी तक क्षमता विस्तारण योग्य) क्षमता की नई चीनी मिल 60 केएलपीडी क्षमता की आसवनी एवं लॉजिस्टिक हब-वेयरहाउसिंग काम्प्लेक्स की स्थापना के लिए गन्ना एवं चीनी मिल विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इस चीनी मिल की स्थापना से चीनी मिल क्षेत्र का सर्वागीण विकास के साथ-साथ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा तथा प्रदेश के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
मंत्रिपरिषद के निर्णय की जानकारी देते हुए प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि चीनी मिल एवं आसवानी प्लान्ट तथा अन्य परियोजनाओं के संचालन हेतु जनशक्ति का नियोजन कराया जायेगा।
गन्ना मंत्री ने बताया कि इस बंद पड़ी चीनी मिल की भूमि पर 3000 टीसीडी (4900 टीसीडी तक क्षमता विस्तारीकरण योग्य) क्षमता की नई चीनी मिल, 60 के०एल०पी०डी० क्षमता की आसवनी एवं लॉजिस्टिक हब वेयरहाउसिंग काम्प्लेक्स की स्थापना के लिए प्रस्ताव किया गया था। इस प्रस्तावित परियोजना, वर्तमान में उपलब्ध नवीनतम तकनीकी पर आधारित है, जिसके अंतर्गत उच्च दबाव के ब्वायलर, नया दक्ष मिलिंग प्लान्ट, इन्सीडेन्टल कोजनरेशन हेतु उपयुक्त टर्बो जनरेटिंग सेट, ब्वायलिंग हाउस में कतिपय उच्च क्षमता वाली मशीनरी की स्थापना एवं बी- हैवी शीरे से ईथनाल के उत्पादन हेतु 60 के०एल०पी०डी० क्षमता की आसवनी तथा लॉजिस्टिक हब वेयरहाउसिंग काम्प्लेक्स की स्थापना हेतु राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ लि. नई दिल्ली से डीपीआर तैयार कराई गयी है।
मंत्रिपरिषद द्वारा दिये गये अनुमोदन के अनुसार चीनी मिल एवं विभागों के नियंत्रण, समन्वय एवं पर्यवेक्षण आदि हेतु केन्द्रीकृत वेतनमान समूह “क” व “ख” अधिकारियों की तैनाती वर्तमान में कार्यरत अधिकारियों की उपलब्धता / पदोन्नति / प्रतिनियुक्ति / संविदा के माध्यम से की जायेगी। प्रशासन, लेखा, लैब, विक्रय, क्राइम आफिस, स्टोर, विधि आदि में वेज बोर्ड वेतनमान के समरूप पदों पर आउटसोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से कार्मिकों को संविदा पर तैनात कर कार्य निष्पादित कराया जायेगा।
श्री चौधरी ने बताया कि जनपद की बंद पड़ी छाता चीनी मिल की अविवादित भूमि पर 300 टीसीडी (4900 टीसीडी तक क्षमता विस्तारण योग्य) क्षमता की नई चीनी मिल, 60 केएलपीजी क्षमता की आसवनी एवं लॉजिस्टिक हब वेयरहाउसिंग काम्प्लेक्स की स्थापना से संबंधित परियोजना की प्रस्तावित लागत 47846.85 लाख रूपये के सापेक्ष प्रयोजना रचना एवं मूल्यांकन प्रभाग द्वारा परीक्षण करते हुए पब्लिक इन्वेस्टमेन्ट बोर्ड की बैठक में विचार के लिए प्रस्तुत किया गया। 21 मार्च, 2023 को पीआईबी की सम्पन्न हुई बैठक में विचार विमर्श के उपरान्त प्रयोजना को 46129.96 लाख रूपये की लागत पर संस्तुति करते हुए कतिपय निर्देश दिये गये।
गन्ना मंत्री ने बताया कि शासनादेश 04 जून, 2007 द्वारा चीनी निगम की समस्त मिलों के निजीकरण / विक्रय किये जाने का निर्णय हुआ था। जिसमें जनपद मथुरा की बंद पड़ी छाता चीनी मिल भी शामिल थी। यह शासनादेश वर्तमान में प्रभावी है। अत: इस बंद पड़ी चीनी मिल की अविवादित भूमि पर 3000 टीसीडी (4900 टीसीडी क्षमता विस्तारीकरण योग्य) क्षमता की नई चीनी मिल, 60 केएलपीडी क्षमता के आसनी एवं लॉजिस्टिक हब वेयरहाउसिंग काम्प्लेक्स की स्थापना के संबंध में उक्त सीमा तक शासनादेश 04 जून 2007 को संशोधित किया गया।
उन्होंने बताया कि जनपद मथुरा की बंद पड़ी छाता चीनी मिल की अविवादित भूमि पर 300 टीसीडी (4900 टीसीडी तक क्षमता विस्तारण योग्य) क्षमता की नई चीनी मिल 60 केएलपीजी क्षमता की आसवनी एवं लॉजिस्टिक हब-वेयरहाउसिंग काम्प्लेक्स की स्थापना से संबंधित परियोजना की संस्तुत लागत 46129.96 लाख रूपये का वित्त पोषण शत-प्रतिशत ऋण के रूप में राज्य सरकार द्वारा किया जाना प्रस्तावित।
उल्लेखनीय है कि छाता (मथुरा) चीनी मिल की स्थापना चीनी निगम द्वारा वर्ष 1978 में 1250 टीसीडी क्षमता पर की गयी थी। वर्ष 1994 में चीनी मिल का क्षमता विस्तार 2500 टीसीडी पर किया गया। वर्ष 2009 में यह चीनी मिल पर्याप्त गन्ने की उपलब्धता न होने एवं लगातार वित्तीय हानि होने के कारण बंद कर दी गयी। बंद होने के पश्चात कार्मिकों को वीआरएस प्रदान कर दिया गया तथा अधिकांश प्लान्ट व मशीनरी का स्थानान्तरण तद्समय निगम की अन्य संचालित इकाईयों में आवश्यकतानुसार कर दिया गया और शेष मशीनरी की आब्सलीट होने तथा वर्ष 2009 से बंद होने के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में जो संचालन योग्य नहीं है। यह चीनी मिल राष्ट्रीय राजमार्ग -2 (आगरा / दिल्ली) पर रेलवे स्टेशन छाता से लगभग 500 मी0 की दूरी पर स्थित है। इस मिल के पास 43.3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में भूमि उपलब्ध है। इससे लगभग 100000 किसानों को लाभ मिलेगा साथ ही हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा एवं व्यापार में वृद्धि होगी।

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