● मरणोपरांत प. नथाराम गौड़ को मिले भारत-रत्न- आचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवंशी शास्त्री
हाथरस। “हाथरसी स्वांग के युगपुरुष पं. नथाराम गौड़ देश की अमूल्य निधि रहे हैं,वह अपने जमाने के शीर्षस्थ रचनाकार,गायक-अभिनेता व निर्देशक थे। अँग्रेजी हुकूमत के समय उनके स्वांगों को महारानी एलिजाबेथ ने खुद बैठ कर देखा था और पुरस्कृत किया था,अब हाथरसी सांगीत (भगतलीला) कनाडा के टोरेंटो में जल्द ही डॉ. खेमचन्द यदुवंशी के नेतृत्व में मंचित कराए जाएंगे।” उक्त वक्तव्य वरिष्ठ साहित्यकार व अध्यात्म प्रबंधन विशेषज्ञ
डॉ. गोपाल ‘मधु’
(टोरेंटो-कनाडा) ने प. नथाराम गौड़ लोकसाहित्य शोध-संस्थान,हाथरस तथा अखिल भारतीय ब्रज संस्कृति केन्द्र, मथुरा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित – पं. नथाराम गौड़ की 150वी स्वर्ण-शताब्दी जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही।
इससे पूर्व अतिथियों ने पं. नथाराम गौड़ के छविचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर भावांजलि अर्पित की।
अध्यक्षता पं. नथाराम गौड़ की पौत्र-वधू व संस्थान की अध्यक्ष शशिबाला गौड़
द्वारा की गई तथा अतिविशिष्ट अतिथि स्वरूप में नगरपालिका अध्यक्ष स्वेता दिवाकर,पूर्वअध्यक्ष प. आशीष शर्मा और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफ़ेसर डॉ. दिनेश खन्ना (निर्देशक- गीता शोध संस्थान व रासलीला अकादमी, वृन्दावन), डॉ. बी. के. ‘चन्द्रसखी’ (गाज़ियाबाद) मंचासीन रहे।
कार्यक्रम का प्रारम्भ खाटू श्याम वन्दना – ” जय जय प्रभु खाटू श्याम आपको प्रथम मनाते हैं।” से हुआ तदोपरांत पं. नाथराम गौड़ के नवांकुर वंशज कार्तिक गौड़, स्वास्तिक गौड़, खुशी गौड़ आदि नवांकुरों ने पं. नथाराम गौड़ के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए विलुप्त हो रही हाथरसी स्वांग विधा पर गहरी चिंता व्यक्त की।
तदोपरांत टोरेंटो कनाडा के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. गोपाल मधु द्वारा लिखित आध्यात्मिक प्रबन्धन पर आधारित पुस्तक ‘उर -सुर’ का उपस्थित सभी विद्वानों द्वारा विमोचन किया गया,इस अवसर पर लेखक गोपाल ‘मधु’ ने अपनी कृति के बारे में चर्चा करते हुए आध्यात्मिक प्रबन्धन शैली से सभी को परिचित कराया।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में भगत-सांगीत विधा के संरक्षण,प्रचार-प्रसार व उन्नयन के क्षेत्र में योगदान हेतु वरिष्ठ विद्वान-कलाकारों व इस विधा के प्रति समर्पण व कला-अनुराग हेतु नवांकुर कलाकारों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर आचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवंशी शास्त्री ने कहा कि प. नथाराम गौड़ का व्यक्तित्व व कृतित्व बेहद सरहानीय है इसके लिए भारत सरकार को चाहिए कि उनको भारत-रत्न सम्मान प्रदान करते हुए मरणोपरांत तो वह दर्जा दे जिसके वह बहुत पहले स्व हकदार हैं,क्योंकि उन्होंने भगत-सांगीत को परम्परागत अखाड़ों से निकाल कर सुदूर क्षेत्रों तक पहुँचाया व स्वांग के साहित्य को प्रकाशित कर हमेशा के लिए संरक्षित कर दिया।”
अतिविशिष्ट अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष स्वेता दिवाकर ने कहा- ” प. नथाराम गौड़ के कृतित्व के कारण ही आज तक यह मनोहारी लोकविधा अपना अस्तित्व बनाये हुए है,अब इसे और अधिक सजाने व संवारने में सभी के योगदान की आवश्यकता है।”
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प. आशीष शर्मा ने स्पष्ट किया – “प. नथाराम गौड़ ने देश के सुदूर क्षेत्रों के साथ साथ विदेशों में भी हाथरसी स्वांग को स्थापित कर इस भूमि का नाम रोशन किया है जो हम सभी के लिये अत्यंत गौरव की बात है, उनके इस योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।”
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीमती शशिबाला गौड़ ने बताया – ” अपने पूर्वजों की धरोहर को यथावत रखना हमारी जिम्मेदारी है इसीलिये उनकी स्मृति में शोध संस्थान की स्थापना की गई थी,मुझे खुशी है कि शोध संस्थान में शोध कार्य व सङ्गीत विद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त कर युवा वर्ग इस विधा को और आगे तक संरक्षित रख पायेगा।”
इसी क्रम में आशुकवि अनिल बोहरे,विजय सिंह प्रेमी,रामेन्द्र कुमार शर्मा ‘रवि’,चंद्रगुप्त विक्रमादित्य,रोशन लाल वर्मा,बाबा देवी सिंह निडर,दीपक रफी,संगीतज्ञ पं. अशोक शर्मा आदि ने पं. नथाराम को भावांजलि प्रदान की।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत वरिष्ठ लोककलाविद व संगीताचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवँशी शास्त्री के निर्देशन में प. नथाराम गौड़ द्वारा रचित स्वांग- ‘सत्य सिन्धु हरिश्चन्द्र’ का मन्चन किया गया जिसमें ब्रज के सुनामधन्य कलाकार पुत्तन लाल हाथरसी,अशोक कुमार नागर,जाफ़री बेग़म,सरिता चौधरी,सलीम खान,किशन सिसौदिया,शिवम कुमार आदि ने प्रमुख भूमिका अभिनीत की। वादक कलाकार मास्टर वासुदेव, इब्राहीम खान व मुकेश शर्मा ने स्वर-लय व ताल का अनूठा संगम स्थापित किया।
कार्यक्रम में आशीष गौड़, नीतुगौड़,उपनीत गौड़,लक्ष्मी गौड़, राहुल गौड़,ज्योति गौड़,प. कुलदीप किशोर मिश्र,धर्मवीर सिंह आदि का विशेष योगदान रहा।
संचालन आचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवँशी शास्त्री ने किया तथा संस्था के कोषाध्यक्ष प. राहुल गौड़ ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।
इनको मिला सम्मान:
1- पं. नथाराम गौड़ लोक-भूषण सम्मान:2024 - प. दामोदर शर्मा शास्त्री (मथुरा)
2- पं. राधावल्लभ गौड़ सांगीत-निधि सम्मान:2024- हरि मोहन पाठक (हाथरस)
3- पं. उमाशंकर गौड़ काव्य-निधि सम्मान:2024 - डॉ. रामेन्द्र कुमार शर्मा 'रवि' (आगरा)
4- पं. गौरी शंकर गौड़ भगत सांगीत-रत्न सम्मान:2024 – डॉ. एम. पी. गौतम (मथुरा)
5- कौशल किशोर सांगीत सम्मान:2024 - पं. शिशांक देव शर्मा (मथुरा)
6- कौशल किशोर सांगीत सम्मान:2024 - कुमारी सुनीता छौंकर (बल्देव- मथुरा)
7- लोक-प्रतिभा सम्मान:2024 - श्री रामेश्वर दास अग्रवाल कन्या महाविद्यालय (हाथरस)
● प्रथम स्थान- कुमारी दीपिका वार्ष्णेय
● द्वितीय स्थान- कुमारी कोमल वार्ष्णेय
● तृतीय स्थान- कुमारी अनुराधा अग्निहोत्री