प्रभुनाम कीर्ति का गायन ही संकीर्तन है: संजय कृष्ण

हाथरस

कलियुग ने तुलसीदास को परेशान किया तो उन्होंने कर दी विनय पत्रिका की रचना

जो एक वर्ष तक विनय पत्रिका का पाठ करे तो राम दर्शन का पात्र बन जाएगा

सासनी। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य होने के बाद भी बिना सत्संग के, बिना कीर्तन के प्रभु की प्राप्ति नहीं है। निश्चिल भाव से प्रभु का स्मरण करने से संतो का सत्संग मिलता है। कीर्ति का गायन ही कीर्तन होता है और जब हम प्रभु कीर्ति का गायन करते हैं तो संतों का संग मिलता है।
यह कथा प्रवचन वृंदावन धाम वासी संजयकृष्ण जी महाराज ने सासनी के संजय काॅलोनी स्थित चल रही श्रीराम कथा के दौरान द्वितीय दिवस में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ”बिन सत्संग विवेक ना होई, राम कृपा बिन शुलभ ना सोई।” श्रीराम जन्म से पूर्व कथा व्यास जी महाराज ने संतों के संगत की विशेषता को बताते हुए कहा कि जिन लोगों ने सीता जी की आलोचना की थी उनके भगवान श्रीराम ने ”विशोक बैकुंठ” बनाया। क्योंकि उन्होंने सीता जी आलोचना अवश्य की थी, प्रथम तो वह अयोध्या जी में जन्म थे, दूसरे चरित्र और गायन के साथ बाद में संत संगत की थी और फिर प्रभु श्री राम के नाम की कीर्ति का गायन करते हुए। प्रभु नाम की हरिनाम संकीर्तन में कीर्ति का गायन किया। जब पुष्पक में लेकर अयोध्या वासियों को लेकर बैकुंठ चले तो प्रभु पार्षदों ने रोक दिया। कहा महाराज यह तो सीता जी के आलोचक हैं। यह बैकुंठ में प्रवेश नहीं कर सकते। तब जाकर प्रभु ने ”विशोक बैकुंठ” बनाया और वहां पर अयोध्यावासियों को वहां रखा। कथा व्यास ने बताया कि जब द्वापर का अंतिम दौर हुआ तो कलियुग का आगमन हुआ। उसी समय बाबा तुलसीदास जी महाराज हनुमान जी महाराज के काफी निकट पहुंच चुके थे। बताते हैं, कलियुग ने तुलसीदास जी महाराज से आकर कहा कि बहुत हो गया अब नहीं चलेगा। अब हम यहां के राजा हैं। गोस्वमी तुलसीदास जी महाराज ने हनुमान जी महाराज से प्रर्थना की तो हनुमान जी प्रकट हुए। उन्होंने कहा चिंता मत करो वह तुम्हारा कुछ नहीं करेगा, लेकिन एक काम करो अब नियम से काम करते है तुम एक विनय-पुत्र लिखो। उस समय गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने विनय पत्रिका लिखी। जब हनुमान जी ने प्रभु राम जी के समक्ष तुलसीदास जी विनय पत्र रखा तो प्रभु ने कलियुग को जमकर फटकार लगाई। तब कलियुग ने कहा प्रभु जो आपके नाम का अनुसरण करेगा उसके तो पास भी नहीं भटकुंगा। कथा व्यास जी महाराज ने बताया कि जो भक्त एक वर्ष तक विनय पत्रिका का अनुसरण (पाठ) करेगा उसको प्रभु श्री राम स्वयं दर्शन देते हैं।
इस अवसर पर ठा. यतेंद्र सिंह सेंगर, शिवराज सिंह, भूरा प्रधान जी, भाजपा नेता हेमंत सेंगर, अनिल कुमार, पवन कुशवाह, जीतू पुंढीर, अंकित ठाकुर, सुमित ठाकुर, संजयकेशव दीक्षित आदि भक्तजन उपस्थित थे।

Spread the love