श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण: सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर तक हाईकोर्ट से मांगा रिकॉर्ड

देश

नई दिल्ली-मथुरा। सुप्रीम कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित आवश्यक कानूनी जानकारी और दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की रजिस्ट्रार को आदेशित किया। इसके लिए 30 अक्टूबर तक का समय दिया गया है।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ वर्तमान में मस्जिद समिति द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर फैसला कर रही है। यह याचिका मई 2023 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती देती है, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित मामलों के एक समूह का स्थानांतरण शामिल था।
आज की सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ कि पूर्व आदेश के बावजूद, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री से कोई प्रासंगिक जानकारी या दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए हैं। नतीजतन, अदालत ने सुनवाई 30 अक्टूबर तक स्थगित करने का फैसला किया और निर्देश दिया कि पिछले आदेश के साथ एक अनुस्मारक उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को भेजा जाए।
मस्जिद समिति का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने मथुरा और इलाहाबाद के बीच महत्वपूर्ण भौगोलिक दूरी पर जोर दिया। उन्होंने कार्यवाही को मस्जिद के स्थान के निकट किसी स्थान पर स्थानांतरित करने की वकालत की। उन्होंने प्रबंधन समिति के सामने आने वाली वित्तीय बाधाओं पर प्रकाश डाला, जिससे उनके लिए परीक्षण के लिए मथुरा से इलाहाबाद तक लगभग 600 किलोमीटर की यात्रा करना मुश्किल हो गया। उन्होंने बताया कि मथुरा और दिल्ली के बीच लगभग 150 किलोमीटर की दूरी याचिकाकर्ताओं के लिए अधिक प्रबंधनीय है।
हिंदू पक्ष की तरफ से मुख्य पक्षकार/ प्रतिवादी सिद्वपीठ माता शाकुम्भरी पीठाधीश्वर भृगुवंशी आशुतोष पांडेय कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट मथुरा के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने माननीय न्यायालय का ध्यान आकर्षित करते हुए बताया की मुस्लिम पक्ष सिर्फ मामले को लंबित करने के लिए न्यायालय का महत्वपूर्ण समय बर्बाद कर रहे हैं, उनके पक्षकार इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित आवश्यक कानूनी जानकारी और दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को एक अनुस्मारक जारी किया – यह मामला वर्तमान में उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।सुनवाई के समय माता शाकुंभरी पीठाधीश्वर आशुतोष पांडेय, महेंद्र प्रताप एडवोकेट और अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी आदि मौजूद थे।

Spread the love