गोवर्धन । श्रीमद् भागवत कथा के सत्र में नागेंद्र महाराज ने बताया रास से पहले रस, रसना को जीतने की कथा है।
नंद बाबा को वरुण के दूत रात्रि में यमुना नदी में लेकर चले गए थे। वरूण जीव के देवता है इसलिए रसना को जीतने के बाद ही रास में प्रवेश संभव है, भागवत का सर्वोच्च शिखर है गोपी गीत। गोपी गीत का पाठ जो व्यक्ति नित्य करता है उसे श्रीराधा रानी की कृपा एवं परमात्मा श्री कृष्ण की कृपा सहज रूप में प्राप्त होती हैं।
यह रास कोई साधारण नहीं है। यह जीव और परमात्मा के मिलन की कथा है। रास पंचाध्यायी के प्रसंग को विस्तार पूर्वक कहा भगवान श्री कृष्ण का मथुरा गमन और कंस का उद्धार जरासंध आदि दुष्ट राक्षसों का उद्धार, अंत में भगवान श्री कृष्ण का रुक्मणी जी के साथ मंगल विवाहोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया।
कथा में मुख्य रूप से सम्मिलित रहे महंत समुद्र दास महाराज, रामनिवास बाबूजी राधे राधे बाबूजी वेदव्यास जी महाराज राजेश पहलवान हरिओम चौधरी आदि अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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