टीटीजेड क्षेत्र में विकास के लिए अलग सोच की जरूरतः सुरेश सिंह  

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बिजली बिल में छूट मिले, उद्योग धंधों की शर्तें सरल की जाएंः सुरेश सिंह
बलदेव क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे पर कट भी बेहद जरूरीः सुरेश सिंह

मथुरा। बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी सुरेश सिंह ने कहा है कि मथुरा जनपद का बडा क्षेत्र ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में आता है। जब से जनपद के क्षेत्रों में टीटीजेड के नियम लागू हुए हैं, उद्योग धंधे उजड गये हैं। जिससे स्थानीय युवाओं पर बेरोजगारी की भी मार पड रही है। उन्होंने कहा कि ताजमहल से होने वाली आमदनी में मथुरा के लोगों का कोई हिस्सा नहीं है लेकिन मुशीबतें सब इनके हिस्से में हैं। बसपा प्रत्याशी सोमवार को बलदेव क्षेत्र में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान लोगों  से रूबरू थे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में मकान बनाना बेहद महंगा हो गया है। जितने की ईंट है उतना ईंट को यहां तक लाने में भाड़ा लग जाता है। उन्होंने कहा कि बिजली बिलों में भी इस क्षेत्र को छूट मिलनी चाहिए और उद्योग धंधों की शर्तों को भी सरल किया जाना चाहिए। लोन जैसी सुविधाएं भी इस क्षेत्र में सरल होनी चाहिए जिससे लोग बिना प्रदूषण वाले उद्योग धंधे लगा सकें। उन्होंने कहा कि यमुना एक्सप्रेस वे पर बलदेव क्षेत्र में कट मिलना चाहिए। लोगों की यह मांग जायज है। इससे पहले सोमवार को सुरेश सिंह महावन तहसील में सघन चुनाव अभियान पर रहे। उन्होंने सुबह दाऊजी मंदिर में भगवान दाऊजी और मां रेवती के दर्शन किये। पूजा अर्चना करने के बाद चुनाव अभियान की शुरुआत की। चुनाव प्रचार अभियान के दौरान जगह जगह बसपा प्रत्याशी का जोरदार स्वागत किया गया।  

डोर टू डोर जनसंपर्क छोड रहा असर
राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव प्रचार की अपनी अलग अलग रणनीति तियां तय की हैं। बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी सुरेश सिंह ने हर ग्राम पंचायत तक पहुंचने की रणनीति बनाई है। लोगों की स्थानीय समस्याएं सुनना और उनके समाधान के लिए लोगों के साथ चर्चा करना भी उनकी रणनीति का हिस्सा है।

बाहरी को लेकर अच्छे नहीं रहे अनुभव
बसपा प्रत्याशी सुरेश सिंह इस दौरान लोगों की समस्याओं को जाना। वह लोगों से सीधा मिल रहे हैं और संवाद स्थापित कर रहे हैं। नुक्कड सभाएं कर रहे हैं। दर्जनभर से अधिक गावों में जनसंपर्क किया। सुरेश सिंह ने इस दौरान कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधि नहीं चुनना चाहिए जो आपकी पहुंच से दूर हो। वह आपकी जीवनशैली और जरूरतों से अनभिज्ञ हो ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना समझदारी भरा फैसला नहीं कहा जा सकता है।

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