कोरिडोर विरोध के लिए साधु-संतों की मान मनुहार

बृज दर्शन

रिचा शर्मा

मथुरा। बिहारी जी कॉरिडोर विरोध के 29 वें दिन सभी बृजवासी वृंदावन के विभिन्न साधु संतों से मिले।
कुछ दिन पहले देखा गया था, एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा था जिसमे श्री सिंहपौर हनुमान जी के श्री महंत श्री सुंदर दास जी महाराज और उनके साथ सभी संत दिखाई दे रहे थे इसीलिए सभी ब्रजवासी उनसे मिलने उनके पास कॉरिडोर मुद्दे पर उनकी व्यक्तिगत राय लेने गए सिंगपोर बाबा का पूरा ब्रजवासी बहुत सम्मान करते है महाराज जी से इस विषय पर चर्चा हुई उन्होंने बताया हम और हमारे साथी किसी और कार्य से गए थे साथ महाराज जी ने कहा की कॉरिडोर नहीं बनना चाहिए और शासन प्रशासन को इसी मंदिर को थोड़ा और भव्य रूप देकर पुनः स्थापित करना चाहिए और आवाजाही की व्यवस्था सुचारू करनी चाहिए। अब यह सवाल उठा रहा है।

मथुरा -वृंदावन में एक मीडिया का विशेष वर्ग सरकार के लिए काम कर रहा है जिससे वृंदावन ब्रजवासियों में ब्रह्ममिक इस्तिथी का अभाव बना हुआ है संतो के प्रति मगर ब्रजवासी जिस भी संतो से भेट कर रहे है संत समाज पूर्ण रूप से ब्रजवासियों का समर्थन कर रहा है इससे पहले फूल डोल महाराज की वीडियो भी वायरल हुई थी जिस पर ब्रजवासियों की सहमति में उन्होंने अपनी सहमति दर्ज कराई।


इसके बाद सभी बृजवासी श्री राधा रानी बड़ा रासमंडल महंत श्री लाडली शरण जी महाराज से मिले महाराज जी ने कहां की कॉरिडोर बनाकर यह सरकार अपनी हठधर्मिता का परिचय दे रही है और वृंदावन में मूलभूत सुविधाओं को ना देकर सबका ध्यान हटा रही है, कोई भी विकास सरकार करें तो स्थानीय ब्रज वासियों की सलाह लेकर आगे बढ़े क्योंकि यहां के स्थानीय बृजवासियों को पता है कि मूलभूत समस्याएं क्या है और यदि सरकार कॉरिडोर बनाती है तो हम इसका विरोध करेंगे।
श्री ज्ञानानंद जी महाराज संत ने भी ब्रजवासियों के समर्थन में कहा कॉरिडोर विकल्प नहीं है सरकार को ब्रजवासियों के लिए ही सोचना होगा ब्रजवासी खुद कृष्ण भगवान के सखा रहे है अगर कृष्ण भगवान के सखा को दूर किया उनके ठाकुर जी से इसके परिणाम ठीक नही होंगे।
साथ ही कहा शासन प्रशासन को व्यवस्ता ठीक करनी चाइए ।
विरोध करने वालों में मुख्य रूप जिसमें सर्वप्रथम बृजवासी गीतामनीषी राजेश कृष्ण शर्मा पुरषोत्तम शर्मा सोहनलाल मिश्रा रुकमणी रमण गोस्वामी गोविंद तिवारी मनमोहन गोस्वामी प्रमोद सारस्वत राजकुमार गोस्वामी मनमोहन गोस्वामी सुमित मिश्रा आचार्य हरिओम गुरु जी, गप्पी गुरु, देवनारायण एवं दीपक पाराशर आदि उपस्थित थे।

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