फरह। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गौ सेवा गतिविधि के तत्वावधान में ब्रज क्षेत्र और उत्तराखंड के चयनित किसान पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली दीनदयाल धाम में गौ मय उत्पाद बनाने का हुनर सीख रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गौ सेवा गतिविधि के तत्वावधान में प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन गुरुवार को चयनित किसानों को विभिन्न गौमय उत्पादों का प्रशिक्षण दिया गया। बुधवार को शुरू हुए बृज प्रान्त के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में पंतनगर विश्वबिद्यालय के डॉ० भूपेश एवं डॉ० रुपाली शर्मा में जैविक कृषि में कीट प्रवंधन में ट्राईकोडर्मा एवं फेरोमेन ट्रैप के उपयोग पर प्रकाश डाला और तकनीकी जानकारी दी।
काशीपुर उत्तराखंड के प्रशिक्षक नीरज चौधरी में गाय के गोबर से बने विभिन्न डेकोरेटिव उत्पादों जैसे धूपबत्ती, दीपक, मूर्तियां, चप्पलें विभिन्न प्रकार की तस्वीरें आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षणार्थियों को गौ मूत्र से दवाइयां बनाने जैसे गो अर्क, नेत्र अमृत, जैविक रसायन मुक्त खेती करना एवं जैविक खाद बनाना आदि का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षक नीरज चौधरी ने गौमय उत्पादों के निर्माण एवं उनके विपणन के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
फिरोजाबाद के गव्यसिद्ध अरिहंत जैन में पंचगव्य से औषधि निर्माण कैसे हो विषय पर जानकारी दी। डॉ० हरिराम ने आयुर्वेद में गौ मूत्र एवं गौमय का जटिल बीमारियों में उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
शुक्रवार को गोपाष्टमी एवं प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर कामधेनु गौशाला समिति दीनदयाल धाम के तत्वावधान में गौशाला में प्रातः 8 बजे से हवन और पूजन किया जाएगा। पूर्वान्ह 11 बजे से गौशाला में गोपाष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। सभी आगंतुकों को प्रसाद वितरण समिति की ओर से किया जाएगा। इस अवसर पर गौ उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी में गौ आधारित् अत्याधुनिक मशीनों का पूजन भी किया जाएगा।