“मातृत्व दिवस के रंग प. नाथराम गौड़ के संग” कार्यक्रम का आयोजन

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मातृत्व दिवस पर श्याम प्रेस में हुआ आयोजन

हाथरस। ब्रज संस्कृति केन्द्र,मथुरा (पंजी.) और प. नथाराम गौड़ लोक साहित्य शोध संस्थान,हाथरस (पंजी.) के तत्वावधान में हाथरसी सांगीत के युगपुरुष प. नथाराम गौड़ के स्वर्ण-शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में ‘कृतज्ञता-अनुष्ठान-2023 श्रृंखला का पंचम आयोजन- ‘मातृत्व दिवस के रंग प. नाथराम गौड़ के संग’ आज सम्पन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता आशुकवि अनिल बोहरे द्वारा की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आर. डी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय की एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. निम्मी गुप्ता तथा विशिष्ट अतिथि कवयित्री मीरा दीक्षित व सोनाली वार्ष्णेय मंचासीन रहीं।
कार्यक्रम का प्रारम्भ प. नथाराम गौड़ के वंशज राहुल गौड़ व अतिथियों द्वारा प. नथाराम गौड़ जी के छविचित्र पर माल्यर्पण व दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

सरस्वती वंदना कवि श्याम सुन्दर चिंतन ने प्रस्तुत की तदोपरांत राज्यपाल द्वारा सङ्गीत नाटक आकदमी सम्मान से पुरस्कृत लोकनाट्यविद डॉ. खेमचन्द यदुवँशी ‘शास्त्री’ ने मातृत्व दिवस को समर्पित अपने गीत- “ममता की मूरत है तू माँ,तेरे चरणों में शीश झुकाया है।गोदी में बिठा प्यार से हमको, झूला तूने झूलाया है।।” प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट किया कि प. नथाराम गौड़ को सरस्वती सिद्ध थीं,उनके गले में ग़ज़ब का जादू था। उनकी आवाज़ में बहुत दम था जो रात के सन्नाटे को चीरती हुई दूर-दूर तक जाती थी जिसे सुनकर लोग खिंचे चले आते थे।”
इसीक्रम में कवयित्री मीरा दीक्षित,मनु वार्ष्णेय,सोनाली वार्ष्णेय,श्याम बाबू चिंतन ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर प. नथाराम गौड़ को याद किया तथा वरिष्ठ ख्याल गायक अनवर अहमद ‘हाथरसी’ ने चंग की खनक के साथ एक से बढ़ कर कलाम पेश किए।
मुख्य अतिथि डॉ. निम्मी गुप्ता ने प. नथाराम गौड़ द्वारा लिखित छंदों के साथ साथ छोटा ख्याल प्रस्तुत कर वातावरण को सङ्गीतमय बना दिया।
संचालन डॉ. खेमचन्द यदुवँशी ‘शास्त्री’ व श्याम सुंदर चिन्तन ने किया तथा संस्थान के कोषाध्यक्ष राहुल गौड़ ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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