रिचा शर्मा
मथुरा। ना जाने ऐसा कौन सा मटेरियल लगता है, जो आये दिन खराब हो जाता है। इस पुल को लेकर न्यूज़ 4 लाइव इसको लेकर खबर भी प्रकाशित की थी। उस समय इससे जुड़े हुए महकमे ने प्राथमिकता को लेकर अपनी खानापूर्ति दिखाकर पेच वर्क से सजाया दिया गया था । लेकिन एक दो महीने बाद ही महकमे के कुशल कारीगरों कुशल कार्य दक्षता को दर्शाते हुए महकमे द्वारा लगाए गए मटेरियल की गुणवत्ता दिखाई पड़ रही है । करोड़ों की लागत से बना हुआ पुल अब तलक ना जाने कितने बार पैच वर्क से जाए सजाया गया है। ना जाने सुबह से शाम तक कितने पैदल राहगीर और वाहनों से गिरा रहता है यह पुल विश्व के माने हुए जन्मभूमि को जोड़ता हुआ पुल। जबकि योगी सरकार रोड के गड्ढे भरने की पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है लेकिन लगता है देखना यह है कि इससे जुड़े डिपार्टमेंट फिर दोबारा कब इस की ओर ध्यान देंगे या किसी हादसे के बाद ही उचित गुणवत्ता मटेरियल का प्रयोग करके इसकी खानापूर्ति करेंगे