-बसंत पंचमी से मंदिरों में गड़ा होली होली का डांडा
-ब्रज के प्रमुख मंदिरों में मार्च माह में होंगे प्रमुख उत्सव
चंद्र प्रकाश पांडेय
मथुरा। बंसत पंचमी से ब्रज में बंसती बयार शुरू हो गयी है, तो प्रकृति ने भी अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया है। मंदिरों में डांडा गड़ने के साथ ही अबीर गुलाल उड़ने की शुरूआत हो चुकी है, तो चारों तरफ खेतों में खड़ी सरसों की फसल उस पर लहलाते बसंती फूल इस बंसती बयार को मधुरता दे रहे हैं। मानो हर तरफ अलौकिक सुख मिल रहा है।
मथुरा हो या वृंदावन, नंदगांव हो या बरसाना या फिर गोकुल और बलदेव। कहीं लठामार होली देखने को मिलेगी तो कहीं छड़ीमार। कहीं हुरियारिनें हुरियारों पर कोड़े बरसायेंगी, तो सतरंगी बौछार में भीगने का आनंद मिलेगा। चंदन, चंपा, चमेली, जूही, गुलाब और गेंदा के टेसू जैसे अनेक फूलों की होली न केवल हुरियारे-हुरियारिन बल्कि श्रद्धालुओं को मदमस्त करेंगी। इसके साथ प्रेम संवेदनाएं सराबोर होती हुई दिखेंगी। बरसाना में लड्डू होली के दिन लड्डू लूटने को श्रद्धालुओं के बीच होड़ मचेगी तो हुरियारिनों के हाथ प्रेम से पगीं लाठियां खाने को भी हुरियारे मचलेंगे।
अनोखे हैं ब्रज के रीति-रिवाज
ब्रज की रीति-रिवाज और रस्म-ओ-रिवाज खासियतों से भरी है। देश-दुनिया के लिए बसंत पंचमी का महत्व कुछ हो, मगर ब्रज के लिए तो ये अवसर ऐसे त्योहार का बुलावा देता है, जिस पर तीनों लोक बलिहारी हो जाते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी फूलों की होली मुख्य आकर्षण रहेगा। अनुमान है कि इस दौरान करीब एक हजार से अधिक कुंतल फूलों का इस्तेमाल होगा। मंदिरों में अबीर-गुलाल, पद गायन भी-श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बसंत पंचमी के दिन से अबीर-गुलाल रखवा दिया गया है। मंदिर द्वारिकाधीश में भी ठाकुर जी को अबीर-गुलाल लगाने का दौर शुरू हो गया है। बरसाना के लाड़ली जी मंदिर और नंदगांव के नंदबाबा मंदिर, बलदेव के दाऊजी मंदिर में फाग महोत्सव और समाज गायन का आरंभ हो गया है। गोस्वामी समाज की मंडली के गायन के साथ ही ढोलक-मजीरे आदि से वादन भी पूरा साथ देने की षुरूआत हो गयी है।
ये हैं मुख्य आयोजन-
10 मार्च फाग आमंत्रण (सखियों का न्यौता), 10 मार्च लड्डू होली बरसाना, 11 मार्च लठामार होली बरसाना, 12 मार्च लठामार होली नंदगाँव, 14 मार्च श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा, 14 मार्च द्वारिकाधीश होली मथुरा, 14 मार्च बांकेबिहारी होली वृन्दावन, 16 मार्च छड़ीमार होली गोकुल, 18 मार्च होलिका दहन, 19 मार्च धुलेंडी, 19 मार्च श्रीजी के सफेद छतरी में दर्शन, 20 मार्च दाऊजी हुरंगा बलदेव, 20 मार्च नंदगाँव हुरंगा नंदगाँव, 20 मार्च जाब हुरंगा जाब, 20 मार्च चरकुला मुखराई, 21 मार्च हुरंगा बठैन, 21 मार्च हुरंगा गिडोह, 23 मार्च रंगपंचमी खायरा, 25 मार्च वृन्दावन रंगनाथ की होली,
वर्जन
बसंत पंचमी से होली का डांडा गड़ गया है। अबीर गुलाल भी उड़ने की षुरूआत हो गयी है। इस अवसर पर सर्वप्रथम राजाधिराज को गुलाल लगाया गया और समाज गायन की शुरूआत हुई। श्रद्धालुओं की भी भारी भीड़ रही है। यह सुअवसर पर ब्रज में 40 दिन चलेगा।
राकेश तिवारी, मीडिया प्रभारी,
द्वारिकाधीष मंदिर, मथुरा।