विजय आर्य ‘विद्यार्थी‘
मथुरा उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में सेशन कोर्ट ने हत्या के एक मामले में चार सगे भाईयों को जीजा के कहने पर एक युवक की लोहे के सरिया व लकड़ी के डण्डे से पीट-पीटकर मार डालने के मामले में आजीवन कारावास एवं दस-दस हजार रुपए के जुर्माने की सजा और अदा न करने पर उन्हें एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा भी दी गई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता भीष्म दत्त सिंह तोमर ने बताया, यह थाना हाईवे क्षेत्र की पुष्पांजलि काॅलोनी का मामला है। जहां करीब साढ़े छह वर्ष पूर्व 28 सितम्बर 2014 को विजय रावत के दो पुत्रों वरुण रावत एवं तरुण रावत ने दो दिन पूर्व निकाले गए काॅलोनी के चौकीदार (गार्ड) विष्णु शर्मा पुत्र रमन, निवासी धानौता ग्राम, थाना कोसीकलां को शाम साढ़े छह बजे में काॅलोनी में घूमते पाया तो उससे पूछा कि आखिर वह वहां क्या कर रहा है।
इस पर विष्णु ने उनको गाली देते हुए कहा, तुम कौन होते हो मुझे रोकने वाले। तुम्हे तो मैं अभी देख लेता हॅंू। इतना कहकर वह वहां से चला गया और कुछ ही देर बाद पालीखेड़ा गांव निवासी अपने चारों सालों दिनेश, अशोक, राम व नन्दू पुत्रगण रामदास के साथ पहंुचा। उन चारांे ने आते ही तरुण रावत को घेर लिया और लाठी, डण्डे और सरिया से मारपीट कर अधमरा कर दिया।
मामले के वादी वरुण रावत ने बताया, गंभीर रूप से घायल तरुण को तुरंत राजमार्ग पर स्थित आशा हाॅस्पीटल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन फिर भी एक आस में आगरा ले जाया गया। वहां भी चिकित्सकों ने उसमें कोई जान न बचने की बात कही।
उन्होंने बताया, तब थाने में उन चारों हमलावरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उन चारों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त खून आलूदा लाठी, डण्डा व सरिया बरामद कर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय) विनीत कुमार (द्वितीय) की अदालत में चार्जशीट पेश की। फाॅरेन्सिक टीम ने सभी हथियारों पर पाए गए खून के निशानों की मृतक के रक्त से पुष्टि कर दी थी कि उन पर लगा हुआ खून उसी का था। अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए गए।
न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए चारों अभियुक्तों को आजन्म कारावास एवं दस-दस हजार रुपए की सजा सुनाई। जुर्माना न जमा करने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा दी जाएगी। न्यायाधीश ने फैसला सुनाए जाने के बाद चारों को तुरंत पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।