भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष व जिला प्रशासन सहित विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई सम्पन्न
मथुरा / ब्रज दर्शन को आने वाले श्रद्धालु अब निकट भविष्य में गोकुल से वृंदावन तक का सफर जल मार्ग से भी पूरा कर सकेंगे। मथुरा में यमुना जल मार्ग की इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए बुधवार को भारतीय अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष विजय कुमार, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय और मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस.बी. सिंह, नगर आयुक्त नगर निगम मथुरा वृंदावन शशांक चौधरी सहित विभिन्न विभागीय अधिकारियों की समन्वयक बैठक आयोजित की गई।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में भारतीय अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर ए.के. मिश्रा ने गोकुल से वृंदावन तक विकसित होने वाले जल मार्ग का प्रजेंटेशन किया। उन्होंने बताया कि करीब 24 किलोमीटर के इस जल मार्ग को दो चरणों में विकसित किया जाएगा। मथुरा से वृंदावन तक विकास की प्रक्रिया पहले चरण में पूरी होगी, जबकि द्वितीय चरण में मथुरा से गोकुल तक जल मार्ग का विकास होगा है। इस परियोजना पर करीब 42 करोड़ की लागत आएगी। इसमें 11 स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें चार स्टेशन प्रमुख होंगे। जहां पर्यटकों की संख्या का आंकड़ा भी प्रस्तुत किया गया। उन्होंने यमुना में कुछ स्थानों पर गर्मियों के दौरान जल स्तर कम होने की जानकारी दी। साथ ही दो पोंटून पुल की मौजूदगी पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र ने नई तकनीकी पर आधारित पोंटून पुल बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि पुल के डिजाइन में खुलने और बंद होने का स्वचालित प्रावधान हो, जिससे निर्बाध रूप से जल मार्ग का संचालन हो सके। इसके संदर्भ में अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी ए.के. सिंह से तकनीकी राय मांगी गई।
इस प्रजेंटेशन पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र ने संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों से कहा कि जल मार्ग को लेकर कोई समस्या नज़र आ रही हो तो अभी स्पष्ट करें, योजना के क्रियान्वयन दौरान किसी प्रकार की रुकावट नहीं आनी चाहिए। परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने जल मार्ग परियोजना में अक्रूर घाट पर स्टेशन बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसे योजना में शामिल किया गया।
बैठक में नगर आयुक्त शशांक चौधरी, डिप्टी सीईओ सतीश चंद्र, पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा, अधीक्षण अभियंता विद्युत सुरेश चंद्र रावत, अधिशासी अभियंता सिंचाई नवीन कुमार, अधिशाषी अभियंता विप्रा प्रशांत गौतम, पर्यटन अधिकारी एहतराम अली आदि मौजूद रहे।
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मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बनी थी योजना,
भगवान श्रीकृष्ण जी की जन्म और लीला स्थली में जल मार्ग विकसित करने की योजना दिल्ली में केंद्रीय जल परिवहन माननीय मंत्री जी के घर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की मौजूदगी में बनी थी। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र ने इसका प्रस्ताव दिया था। इसी के अनुरूप यह योजना अब अमलीजामा पहनने जा रही है। इसके अंतर्गत ईको फ्रेंडली वोट का संचालन होगा। इसमें स्थानीय नाविकों को भी शामिल किया जाएगा। उनकी वर्तमान नावों को ईको फ्रेंडली बनाने का भी विचार है।
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गोकुल से वृंदावन तक विकसित होंगे 11 स्टेशन
यमुना जल मार्ग में 11 स्टेशनों को विकसित किए जाने का प्रस्ताव है, जिसमें वासुदेव वाटिका, गोकुल घाट, विश्राम घाट, कंस किला घाट, यमुना घाट, अक्रूर घाट, मथुरा घाट, देवराह बाबा घाट, के सी घाट, मांट रोड घाट, जुगल किशोर घाट शामिल रहेंगे।
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यमुना जी में चल रहा क्रूज माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 5251वें महामहोत्सव
के शुभारंभ अवसर पर यमुना में क्रूज के संचालन का शुभारंभ किया था। इसका संचालन निरंतर किया जा रहा है। वृंदावन आ रहे पर्यटक क्रूज का लुफ्त भी उठा रहे हैं।
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गोकुल से वृंदावन तक जल मार्ग विकसित करने की योजना ब्रज पर्यटन विकास की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। यह योजना ब्रज में पर्यटन को बढ़ावा देने का काम करेगी। ब्रज दर्शन को आने वाले श्रद्धालु यमुना के रास्ते गोकुल से वृंदावन तक जल परिवहन का लुफ्त उठा सकेंगे। इस परियोजना में ईको फ्रेंडली वोट संचालन होगा। इसी संदर्भ में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष मथुरा आए। बैठक के साथ उन्होंने साइट निरीक्षण भी किया।
श्याम बहादुर सिंह, सीईओ
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, मथुरा।