मथुरा। जिले की तहसील छाता के गांव ऐंच में पराली जलाने से रोकने पर गुरुवार रात गांव ऐंच में गई टीम में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों को कुछ ग्रामीणों ने जिंदा जलाने की कोशिश की। टीम गांव में पराली जलाए जाने की सूचना पर गई थी। आरोपी ने पहले अपने ऊपर और फिर टीम के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेल कर आग लगाने का प्रयास किया। एक लेखपाल के ऊपर अधिक ज्वलनशील पदार्थ गिर गया। जैसे-तैसे टीम के सभी सदस्य बचकर आए।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाए जाने से होने वाला धुआं से सर्द मौसम में दिल्लीवासियों का सांस लेना मुश्किल कर देता है। इसलिए एनजीटी ने फसल अवशेष जलाए जाने पर प्रतिबंध लगाते हुए संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किया है। हाल ही में डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग और जिला पंचायत राज विभाग की बुलाई बैठक में जिले में पराली को जलाने से रोकने के लिए तहसील स्तर पर टीमों का गठन किया था। टीम में कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। गुरुवार रात को छाता तहसील के गांव ऐंच में पराली जलाने की सूचना पर नायब तहसीलदार जितेंद्र सिंह, लेखापाल दिनेश कुमार और ग्राम पंचायत अधिकारी समेत अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी गांव पहुंचे, यहां एक किसान ने पराली में आग लगा दी और अपने खेत को जोत रहा था। टीम ने किसान को ट्रैक्टर लेकर थाने चलने को कहा तो इसी बात पर वह आग बबूला हो गया। उसने पहले अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेल लिया और फिर टीम के ऊपर डाल दिया। माचिस निकालकर कर किसान जब तक आग लगाता उसे पकड़ लिया गया। इस घटना से पराली जलाने से रोकने गई टीम में भगदड़ मच गई।
सूचना पर थाना कोसीकलां पुलिस ने पहुंच गई। तहसीलदार मनोज वाष्र्णेय ने बताया कि एक किसान ने लेखपाल दिनेश के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेल दिया था और उसने आग लगाने की कोशिश की। इस मामले में थाना कोसीकलां में किसान के खिलाफ रात को ही तहरीर दे दी गई थी। थाना प्रभारी अनुज कुमार राणा ने बताया कि एसडीएम छाता से वार्ता कर वह इस मामले में कार्यवाही करेंगे।