मथुरा। उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा राजीव भारती के निर्देशानुसार शनिवार को चैतन्य विहार महिला आश्रय सदन प्रथम, द्वितीय, सीताराम, रासविहारी व लीलाकुंज महिला आश्रय सदनों तथा कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन, वृन्दावन का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन सुश्री सोनिका वर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर महिला आश्रय सदनों की अधीक्षिकाऐं व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
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निरीक्षण दौरान उपस्थित अधीक्षिकाओं द्वारा बताया गया कि आज चेतन्य विहार महिला आश्रय सदन, वृन्दावन के उपरोक्त पाँचों आश्रय सदनों में कुल 240 मातायें पंजीकृत हैं, जिनमें से 49 मातायें अवकाश पर है तथा 191 मातायें उपस्थित हैं। कृष्णा कुटीर सदन में 156 माताएं पंजीकृत हैं, जिनमें से 12 माताएं अवकाश पर, 03 माताएं हॉस्पिटल में भर्ती हैं, 02 माताओं का पुनर्वास हो गया है, 01 माता की मृत्यु होना तथा 138 माताएं उपस्थित होना बताया गया।
चेतन्य बिहार स्थित सदनों की प्रभारी द्वारा बताया गया कि माताओं को महिला कल्याण निगम द्वारा 1850/- रूपये प्रतिमाह फूडमनी व पॉकेटमनी के रूप में प्राप्त होते हैं, जो सीधे माताओं के बैंक खाते में भेजे जाते हैं। माताओं को उ०प्र० सरकार की ओर से 1000 /- रुपये प्रतिमाह वृद्धा व विधवा पेंशन प्राप्त होती है।
माताओं को अक्षयपात्र संस्था की ओर से प्रतिदिन सुबह का भोजन मिलता है। सभी माताओं के अंत्योदय राशनकार्ड बनें हैं जिसमें उन्हें माह अप्रैल में 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार द्वारा कोरोनाकाल में विगत लगभग 01 वर्ष से निःशुल्क 05 किलो अनाज भी प्राप्त हो रहा है। चेतन्य बिहार स्थित सदन परिसर में महिला कल्याण निगम के द्वारा नवीन कॉमन किचिन का निर्माण कराया गया है।
अधीक्षिकाओं द्वारा बताया गया कि उक्त सदनों की सभी माताओं को वैक्सीन लग चुकी है। वर्तमान में कोई माता अस्वस्थ नहीं है। चेतन्य बिहार सदन में माताओं द्वारा अगरबत्ती बनाने का कार्य किया जा रहा है। इन सदनों में पानी की समस्या से अवगत कराया गया।
कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन की अधीक्षिका द्वारा बताया गया कि एक दानदाता द्वारा माताओं के लिए आज से 500 लीटर शुद्ध पानी प्रतिदिन दिया जायेगा। इस सदन में बिजली से संबंधित समस्या से अवगत कराया गया जिस संबंध में संबंधित को आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए। ब्रजगंधा प्रसार समिति द्वारा माताओं को अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सदनों के निरीक्षण उपरान्त आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा माताओं को उनके संवैधानिक व विधिक अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी पुत्र या पुत्री द्वारा अपने माता-पिता का भरणपोषण नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध मकदमा दर्ज कराया जा सकता है। यदि किसी प्रकार की कानूनी सहायता की आवश्यकता हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। न्यायालयों में लम्बित मुकदमों में वृद्धजनों के मुकदमों को वरीयता के आधार पर सुना जाता है।
निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित माताओं से पृथक-पृथक वार्ता की गयी तथा उनको विधिक अधिकारों से अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं को सुना गया व उनके निस्तारण हेतु सदनों की प्रभारी व कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।