सबमसिर्बल, नलकूप बोरिग के लिए पोर्टल पर करना होगा रजिस्ट्रेशनए कानून के तहत जनपद स्तरीय टास्क फोर्स मारेगी छापा, उद्योगों के लिए पानी दोहन पर रोक, देना होगा टैक्स
-भूजल बोर्ड के सलाहकार पत्रकार चंद्र प्रताप सिकरवार ने बोर्ड बैठक में उठाए कई मुद्दे
मथुरा। योगी सरकार भूजल की एक-एक बूंद बचाने के लिए प्रयासरत है, इसीलिए वर्ष 2019 में भूगर्भ जल संरक्षण अधिनियम बनाया। अब इस कानून की नियमावली बना दी गई है।
इस नियमावली को पढ कर आप न केवल चौंक जाएंगे बल्कि आगे से जमीन में से अत्यधिक पानी दोहन से तौबा करने को विवश होंगे।
कहने का आशय है कि अब सरकार उस पानी की एक-एक बूंद का हिसाब रखेगी, जिसका आपने जमीन में से दोहन किया है। सरकार आपसे पूछेगी कि उस पानी का आपने कहां-कहां उपयोग किया ? आपने कब से सबमसिर्बल लगाया हुआ है ? घर में यदि नया समर्सिबल लगाते हैं या अपने गांव में ट्यूबेल का बोरिंग करते हैं तो आपको लघु सिंचाई विभाग से के पोर्टल से आन लाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। भूजल दोहन का सारा हिसाब अब सरकार के पोर्टल पर होगा।
राज्य सरकार के नए भूगर्भ जल संरक्षण के प्रावधानों को लागू करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी डॉ नितिन गौड़ की अध्यक्षता में भूजल बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में बोर्ड के सलाहकार सदस्य वरिष्ठ पत्रकार चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार के अलावा जिला स्तरीय दो दर्जन अधिकारी मौजूद थे।
नोडल अधिकारी व लघु सिंचाई के सहायक अभियंता हरिओम सिंह ने बैठक में कहा कि जमीन में से निकाले पानी की एक-एक बूंद को बचाना होगा और उसका हिसाब देना होगा। अब हर नलकूप का पंजीयन कराना होगा। वर्तमान में जो ट्यूबेल चल रहे हैं, वह सब पंजीकृत कराने होंगे। अभी तक 23 ऐसे लोगों के प्रार्थना पत्र मिले हैं, जो नए ट्यूबवैल व सबमसिर्बल लगाना चाहते हैं। यदि पोर्टल पर बगैर पंजीकृत कोई समर्सिबल लगाता है या नलकूप का बोरिंग करता है तो उसे खिलाफ कानूनी कार्रवाई व जुर्माना भरना होगा।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में टास्क फोर्स बनेगी जो आकस्मिक रूप से औद्योगिक एरिया में छापे मारकर यह चेक करेगी कि पानी का वहां दोहन कितना हो रहा है? साथ ही औद्योगिक एरिया में पानी खींचने वाले कारखाना स्वामियों के यहां मीटर भी लगेगा।
लघु सिंचाई के सहायक अभियंता हरिओम सिंह ने बताया कि काॅमर्शियल उपयोग के लिए पानी का दोहन करने पर टैक्स लगेगा जबकि घरेलू उपयोग के लिए और किसानों के लिए टैक्स नहीं लगेगा। उद्योग के लिए पानी का दोहन करने पर 90 पैसे से लेकर 1 रुपया 20 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से टैक्स लगेगा।
बोर्ड की बैठक में भूगर्भ जल बोर्ड मथुरा के सलाहकार सदस्य चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार पत्रकार ने भूजल बचाने के लिए जागरूकता पैदा करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि भूजल दिवस मात्र औपचारिकता न रहे बल्कि जन जागरूकता के लिए सभी को काम करना होगा तभी पानी की एक एक बूंद बचा पाना संभव होगा।
भूजल बोर्ड के दूसरे सदस्य पत्रकार अजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि टास्क फोर्स के छापे के दौरान किसी का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। उन्हे सीडीओे ने आश्वासन दिया कि सिर्फ पानी का दोहन रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। किसी का उत्पीड़न नहीं होगा।
बैठक में आगरा भूगर्भ जल विभाग की अधिकारी नम्रता जायसवाल, वन विभाग की एसडीओ विनीता सिंह, जिला उद्यान अधिकारी जगदीश प्रसाद, जिला उद्योग केंद्र के जीएम रामेंद्र कुमार, अपर जिला कृषि अधिकारी रामशरण, अपर खंड आगरा सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता नवीन गर्ग, जल निगम के इंजीनियर एस पी सारस्वत, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के इंजीनियर राजेश्वर के अलावा समस्त नगर पंचायत के अभियंता और कृषि व सिंचाई से जुड़े अधिकारी मौजूद थे।