यमुना मिशन ने विश्राम घाट से सिल्ट सफाई प्रारंभ की

बृज दर्शन

मथुरा। यमुना की कलुषता दूर करने के लिए हरित यमुना मिशन फाउंडेशन ने विश्राम घाट के समीप सिल्ट सफाई का कार्य प्रारंभ किया। आगामी त्यौहारों पर श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत होने से बचाने और प्रदूषण कम करने के यह अभियान प्रारंभ किया गया है।
यमुना में पानी उतरने के साथ ही घाटों पर भीषण सिल्ट दिखाई दे रही है। सिल्ट की मात्रा इतनी ज्यादा है कि कई सीढ़ियां सिल्ट से ढक गई हैं। यहां तक कि यमुना पुण्यतीर्थ विश्राम घाट से दूर दिखाई दे रही है। ऐसे में जहां सिल्ट सूखी है, वहां तो श्रद्धालु यमुना जल तक पहुंचकर स्नान, पूजन, दीपदान या अन्य धार्मिक कार्य कर पा रहा है, लेकिन जहां सिल्ट गीली है, वहां दलदल की स्थिति है, जहां से निकलने में खतरा है। दूसरा यह कि कुछ दिन बाद यानि 20 जून को गंगा दशहरा का भी पर्व है, जिसमें देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुना स्नान और पूजन के लिए आएंगे। ऐसे में यदि सिल्ट ऐसे ही पड़ी रही तो श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होंगी। जबकि अभी तक सरकारी स्तर पर यमुना प्रदूषण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। इन परिस्थितियों में श्रीमाथुर चतुर्वेद परिषद के आग्रह पर यमुना मिशन ने विश्राम घाट पर सिल्ट सफाई कार्य का बीड़ा उठाया है। शनिवार से यमुना मिशन के अरूण शर्मा के नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने कीचड़ में उतरकर सफाई कार्य प्रारंभ किया गया।
इस संबंध में यमुना मिशन के संस्थापक प्रदीप बंसल ने कहा कि यमुना प्रदूषण मुक्ति के अभियान में हर व्यक्ति की भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने यमुना भक्तों से इस सफाई अभियान से जुड़ने का आग्रह किया है।


स्वामीघाट नाले से आ रही सबसे ज्यादा गंदगी

विश्वप्रसिद्ध पुण्यतीर्थ विश्राम घाट पर सिल्ट और गंदगी का कारण स्वामीघाट नाले से आ रहा गंदा पानी है। इससे यमुना भक्तों की आस्था को तो गहरा आघात पहुंच ही रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों में भी भारी आक्रोश है।

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