मथुरा /आगरा /लखनऊ। मंगलवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आहवा्न पर जनपद मथुरा में सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के विरोध में हो रहा प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार आंदोलन लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। आदांलन के दूसरे दिन भी जनपद में समस्त राजस्व संग्रह इत्यादि कार्य नहीं किये गये, साथ ही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के द्वारा दिये गये निर्देशों पर अति-आवश्यक सेवाएँ जैसे अस्पताल एवं पेयजल की विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखा गया।
कैण्ट कार्यालय के प्रांगण में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति जनपद मथुरा के बैनर तले संघर्ष समिति ने बताया कि सरकार विद्युत कर्मचारियों को डराना चाहती है जोकि संभव नहीं है, समिति ने कहा कि सरकार से पूर्व में विद्युत विभाग के साथ हुए करारों को ध्यान में रखते हुए विद्युत कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए न की कर्मचारियों का शोषण करना चाहिए।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि निजीकरण एक कैंसर है अगर यह सही समय पर सही तरीके से इसका ईलाज न किया गया तो यह न केवल विद्युत कर्मियों के लिए नुकसानदायक है बल्कि आम जनमानस के लिए भी घातक है, जिसका संयुक्त संघर्ष समिति पूरजोर विरोध करती है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के दौरान विद्युतकर्मी अपनी जान की परवाह किये बगैर विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने के लिए दिन-रात अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, लॉकडाउन के दौरान विभाग के कर्मियों द्वारा समस्त जनमानस को अनवरत विद्युत आपूर्ति प्रदान की गयी।
विद्युत कर्मियों द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी एवं अपने परिवारजनों की परवाह न कर आवश्यक सेवा के रूप में अपने कर्तव्यों का फल सरकार द्वारा निजीकरण के रूप में दिया जा रहा है, जोकि की बिल्कुल गलत है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए निजीकरण किसी भी सूरत में बरदास नहीं करने की बात कहीं समिति ने कहा कि सरकार कुछ भी कर लें वह उनके आगे झुकने वाले नहीं है, वक्ताओं ने कहा कि सरकार ऊर्जा निगम को निजी हाथों में बेचना चाहती है, जिसे हम बिकने देंगें। ऊर्जा निगम निजीकरण होते हुए लाखों कर्मचारियों का नुकसान होगा वहीं प्रदेश की करोंड़ों की सख्ंया में जनता पर मंहगाई की मार पड़ेगी।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति जनपद मथुरा के बैनर तले कार्य बहिष्कार आंदोलन की अध्यक्षता मोहन बाबू आर्य ने की। सभा का संचालन रा0वि0प0जू0इं0 संगठन के जनपद अध्यक्ष इं प्रमोद कुमार द्वारा किया गया।
कार्य बहिष्कार आंदोलन में इं अशुल कुमार शर्मा क्षेत्रीय सचिव रा0वि0प0जू0इं0संगठन, इं सचिन द्विवेदी जनपद अध्यक्ष अभियन्ता संघ, विजय कुमार, जिलाध्यक्ष (उ.प्र. बिजली कर्मचारी संघ), इं सुनील कुमार सिंह जनपद सचिव रा0वि0प0जू0इं0संगठन, विनोद कुमार गंगवार (अधीक्षण अभियन्ता), इं अजय गर्ग (अधीक्षण अभियन्ता), इं प्रदीप खत्री (अधीक्षण अभियन्ता), इं सचिन शर्मा, इं वीरेन्द्र सिंह, इं एन.पी. सिंह, इं सुखबीर सिंह, इं समीक्षा गुप्ता, कृष्णवीर, इं गजेन्द्र सिंह, इं सतेन्द्र कुमार मौर्य, इं राकेश कुमार यादव, इं धु्रव साहू, इं अजीत सिंह, इं अशोक यादव, इं उदित कुमार, एस.एन. अरोड़ा, मुकुल सक्सैना, राकेश निराला, रीतेश श्रीवास्तव, मनीष अग्रवाल, मोहित माथुर, राजीव कुमार तिवारी, कामरान अतीक खान आदि संघर्ष समिति जनपद मथुरा के सदस्यों के साथ ही पारेषण केन्द्र से भी इं. राकेश प्रसाद, (अधीक्षण अभियन्ता) इं विजेन्द्र सिंह (अधिशासी अभियन्ता) आदि ने मौजूद रहकर आंदोलन को सफल बनाया।