जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े में 11 से 24 जुलाई के मध्य सबसे ज्यादा महिलाओं ने अंतरा अपनाया
दो सप्ताह में सिर्फ 10 पुरुष अपना नसबंदी ऑपरेशन कराने पहुंचे, महिला नसबंदी ऑपरेशन ज्यादा हुए
मथुरा। छोटा परिवार-सुखी परिवार के नारे के साथ परिवार नियोजन के अस्थाई व स्थाई साधन अपनाने में महिलाएं तुलनात्मक रूप से पुरुषों से काफी आगे चल रही हैं।
इस समय चल रहे जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के तहत 11 से 24 जुलाई 2021 के मध्य नसबंदी एवं परिवार नियोजन के अन्य साधन बनाए जाने के मामले में जनपद मथुरा टॉप टेन में शुमार है।
राज्य स्तर से जनपद वार जारी आंकड़ों के अनुसार जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के तहत 24 जुलाई तक महिलाओं ने सबसे ज्यादा भरोसा अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर किया है। अंतरा इंजेक्शन लगवाने वाली महिलाओं की संख्या 1146 है। इस इंजेक्शन को लगवाने वाली महिलाओं को तीन माह तक गर्भ नहीं ठहरता है। इसके उपरांत उन्हें यही इंजेक्शन 3 माह बाद फिर लगवाना पड़ता है।
जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दो सप्ताह के अंदर 174 महिलाओं ने नसबंदी कराई है जबकि इसी अवधि में सिर्फ 10 पुरुषों ने ही अपना नसबंदी आपरेशन करवाया है।
पखवाड़े के तहत कुल 636 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी साधन अपनाया है। यह गर्भ निरोधक प्रसव के 48 घंटे के अंदर लगवाया जाता है।
कुल 1020 महिलाओं ने आईयूसीडी (कापर-टी) लगवाई है। यह गर्भ निरोधक साधन पीपीआईयूसीडी का ही दूसरा रूप है जिसे कभी भी महिलाएं लगवा सकती हैं। बहुत सी महिलाओं छाया गोली पर विश्वास है जबकि अनेक दंपत्ति कंडोम का उपयोग करते हैं। छाया गोली और कंडोम का वितरण जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के तहत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जा रहा है।
उक्त जानकारी देते हुए डीसीपीएम श्रीमती पारुल शर्मा ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के तहत परिवार नियोजन के साधन अपनाए जाने के मामले में मथुरा की स्थिति संतोषजनक है। हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि नसबंदी के ऑपरेशन ज्यादा से ज्यादा किए जाएं।
सीएमओ डॉ रचना गुप्ता ने विगत दिवस स्वयं अपने हाथों से महिला अस्पताल मथुरा जाकर कई महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किए। उन्हें पूर्व में शासन ने नसबंदी के लिए पुरस्कृत भी किया गया था।
पुरूष नसबंदी से ताकत में कम नहीं होती
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रचना गुप्ता का कहना है कि जब फैमिली प्लानिंग की बात आती है तो हमेशा से ही महिलाओं को इसका जिम्मा सौप दिया जाता है। गर्भ निरोधक गोली खानी हो या नसबंदी करवाना हो, महिलाएं ही आगे आती हैं। पुरूष हमेशा अस्थाई साधन इस्तेमाल करते हैं। वे नसबंदी करवाने से बचते हैं जबकि पुरूष नसबंदी महिला नसबंदी से आसान है। पुरूष नसबंदी से कोई शारीरिक कमीं नही आती है।