मथुरा। अशोक विहार कालोनी में हुई वृद्ध की हत्या उसके ही पुत्र ने सम्पत्ति के विवाद में की थी। पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
विगत 24-25 अप्रैल की रात में हुकुमचन्द सैनी पुत्र स्व. नत्थीलाल सैनी उम्र करीब 80 वर्ष निवासी अशोक विहार कालोनी, थाना सदर बाजार की सिर कुचलकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के पुत्र नितिन सैनी ने थाना सदर में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। घटनास्थल का सभी उच्चाधिकारियों ने निरीक्षण किया था। एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने खुलासे के लिए टीमें गठित कर आवश्यक निर्देश दिये। पुलिस ने छानबीन करते हुए मृतक की पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी जुटायी। इस दौरान पुलिस का कहना है कि मृतक हुकुमचन्द सैनी को वर्ष 2015 में डूब क्षेत्र में खेती आने के कारण मुआवजे के रूप में लगभग 03 करोड़ रूपया मिला था उक्त रूपयों को हुकुमचन्द सैनी ने अपने बेटों में न बांटकर अपने छोटे भाई गुलाबचन्द सैनी के साथ कोल्ड स्टोरेज में पार्टनरशिप में लगा दिया था। किन्तु गुलाबचन्द सैनी मृतक के पुत्रों के साथ उनकी हिस्सेदारी व हिसाब किताब को नहीं बताते थे, जिससे हुकुमचन्द के पांचों बेटे गरीबी में जी रहे हैं। बुधवार को घटना का सफल अनावरण करते हुए पुलिस ने मृतक हुकुमचंद सैनी के पुत्र विनोद सैनी को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में प्रयुक्त लोहे के सब्बल की बरामदगी अभियुक्त की निशानदेही पर की गयी।
अभी यह भी जानकारी में आया कि हुकुमचन्द को पुनः डूब क्षेत्र की जमीन में मुआवजे के रूपये में लगभग 25 करोड रूपये मिलने वाले हैं । इन सब सूचनाओं के संकलन से यह तथ्य जानकारी में आया कि हत्या में किसी नजदीकी परिवारीजन का हाथ है।
भुखमरी के कगार पर थे पांचों भाई, बेटियों की होनी थी शादी
अभियुक्त ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए पूछताछ पर बताया कि मेरे पिता हुकुमचन्द सैनी को वर्ष 2015 में करीब 03 करोड रूपया मुआवजे के रूप में मिला था जिसमें करीब 2.5 करोड रूपया उन्होंने हमारे चाचा गुलाब चन्द सैनी के साथ कोल्ड स्टोर में लगा दिया था। उक्त रूपयों में से बड़े भाई अनिल सैनी को लगभग 10 लाख रूपये तथा हम भाईयों को दो-दो तीन-तीन लाख रूपये दिये थे। उक्त रूपयों में से मैंने सोने चांदी के व्यापार की दुकान खोली थी, जो नहीं चली। मेरी बेटी मुझसे पढ़ाई के लिये कई बार पैसे मांगे थे, जो मैं दे नही पा रहा था। मेरी पुत्रियां शादी लायक हो गयी हैं, इस कारण से मैने पिताजी से पैसा मांगा था किन्तु वह नहीं दे रहे थे, बार-बार टाल मटोल कर रहे थे। आरोपी ने बताया कि इस कारण में वह बड़े तनाव में था, हमारे ही रूपयों से दूसरे लोग मजे ले रहे थे और हम पांचों भाई भुखमरी के कगार पर थे। अभी बहुत जल्दी ही मेरे पिताजी को पुनः डूब क्षेत्र के मुआवजे की लगभग 25 करोड़ रूपये की धनराशि आने वाली थी। मेरे मन में यह बात घर कर गयी कि कहीं ये पुनः उक्त रूपयों को न लुटा दें । मेरे पिता की मृत्यु के बाद यह रूपया हम भाईयों में बंटेगा। यही सोचकर मैंने अपने पिता की हत्या कर दी।