(डा. अनीता चौधरी, एमए पीएचडी)
मथुरा। “हमारा” शब्द इतना व्यापक है कि इसका सहारा लेकर हम पूरे ब्रह्मांड की बात कर सकते हैं। “हमारा” यानि हम सबका देश, “मेरा देश”यानी सिर्फ मेरा देश। मैं कहना चाहती हूँ कि, “मैं” शब्द एक अंहकार का रूप धारण किये हुए है और “हमारा” शब्द एक सर्वस्व रूप धारण किए हुए है।
यह मेरा घर है, यह मेरा समाज है, यह मेरा देश है। क्यों भाई इस घर में सिर्फ तुम ही रहते हो, ये समाज के सभी प्राणियों को क्या तुमने खरीद लिया है या फिर इस देश में अकेले तुम ही रहते हो क्या? ध्यान देने की बात है कि, “मैं” शब्द के स्थान पर अगर हम, “हम, हमारा, हमारे” शब्दों का प्रयोग करें तो, हम सबके लिए अति उत्तम होगा। ऐसा मेरा विचार है।
“हमारा देश और हम” इस भारत देश में हम सभी रहते हैं। जिस तरह से इस भारत देश की माटी पर हम सबका अधिकार है, यहां की जलवायु पर हमारा अधिकार है, प्रकृति के सभी उपहारों पर हमारा अधिकार है, इस देश में सोते हैं,इस देश में जागते हैं, इसी देश का खाते और पीते हैं। हम हँसते और रोते भी इसी देश में हैं, अर्थात इसकी धरती पर जन्म लिया और अंत में इसी में मिल जाते हैं। इसलिए हम सबका अपने भारत देश पर पूर्ण अधिकार है।
परंतु अधिकार से पहले मैं कुछ कर्तव्यों की भी बात करना चाहती हूँ कि हमारा देश के प्रति क्या कर्तव्य है?
जिस तरह हमने परिवार, समाज व देश पर अपने अधिकार तो जमा लिया, उसी तरह हमें अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करना चाहिए। हमें अपने देश को किस तरह से सुंदर बनाना चाहिए हैं? किस तरह से यहां प्यार-मुहब्बत का वातावरण तैयार करना चाहिए। हम अपने देश को शक्तिशाली बनाने का प्रयास करें, जिससे कोई अन्य देश हमारे देश पर हावी न हों और हम पहले की तरह परतंत्र न हों। हमारा देश भारत हमेशा स्वतंत्र रहे, ऐसा हम सभी को प्रयास करना चाहिए। हमारा देश किस तरह से उन्नति के शिखर पर पहुँचे ,किस तरह से हमारे देश में खुशियाली रहे? हमारा भारत देश महान है। इस तरह का नारा लगाने से कुछ नहीं होगा, हमें इस देश में रहकर महान कार्य करने होंगे, अच्छी विचार धारा के बीज को रोपना होगा।
उत्तम कार्य विधि के साथ हम सभी को इन दिन-रात के 24 चौबीस घंटो में से कुछ पल अपने देश को भी समर्पित करने होंगे। भारत का जन-जन अपने स्तर से देश के लिए उत्तम कार्य करेगा,अपना कर्तव्य निभाते हुए, अपने देश के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेंगे। हम सभी मिलकर कहें—-
“हम और हमारा देश”