—परखम में आयोजित पश्चिमी उप्र क्षेत्र के संघ शिक्षा वर्ग विशेष का समापन
फरह (मथुरा)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पश्मिची उप्र क्षेत्र का पिछले 15 दिनों से फरह स्थित दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गौ ग्राम परखम में संघ शिक्षा वर्ग विशेष का आयोजन चल रहा था। शनिवार को पश्चिमी उप्र के इस विशेष वर्ग का समापन हो गया।
समापन अवसर पर प्रात: संघ स्थान पर पूर्ण गणेवश प्रशिक्षणार्थियों ने विभिन्न योगाभ्यास, दंड, नियुद्ध एवं शारीरिक प्रदर्शन किए। सांय दीक्षांत समारोह में स्वयंसेवक प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए पिछले 99 वर्षों से निरंतर कार्य कर रहे हैं। अगला वर्ष संघ का शताब्दी वर्ष है और इस शताब्दी वर्ष में संघ के स्वयंसेवक एक बड़े समाज परिवर्तन के लक्ष्य को साथ लेकर समाज के बीच में जाएंगे। समाज में अनुशासन व देशभक्ति के भाव को बढ़ाने के उद्देश्य से संघ ने समाज में पंच परिवर्तन का आह्वान किया है ताकि अनुशासन एवं देशभक्ति से ओतप्रोत युवा वर्ग अनुशासित होकर अपने देश को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करे। इस पंच परिवर्तन में स्व का बोध, नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण, सामाजिक समरसता एवं कुटुम्ब प्रबोधन हैं।
पदम सिंह ने कहा कि स्व के बोध से नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होंगे। नागरिक कर्तव्य बोध अर्थात कानून की पालना से राष्ट्र समृद्ध व उन्नत होगा। सामाजिक समरसता व सद्भाव से ऊंच-नीच जाति भेद समाप्त होंगे। पर्यावरण से सृष्टि का संरक्षण होगा तथा कुटुम्ब प्रबोधन से परिवार बचेंगे और बच्चों में संस्कार बढ़ेंगे। समाज में बढ़ते एकल परिवार के चलन को रोक कर भारत की प्राचीन परिवार परंपरा को बढ़ावा देने की आज महती आवश्यकता है। पंच परिवर्तन उभरते भारत की चुनौतियों का समाधान करने में समर्थ है। पंच परिवर्तन समाज में व्यवहार के रूप में स्थापित हों, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।
पंद्रह दिवसीय इस प्रशिक्षण वर्ग में ब्रज, मेरठ व उत्तराखंड के 198 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षणार्थियों में 41 से 65 आयुवर्ग के अधिवक्ता, चिकित्सक, श्रमिक, कर्मचारी, व्यापारी व अन्य ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। दीक्षांत समारोह में संघ के गौसेवा गतिविधि के अखिल भारतीय संयोजक अजीत महापात्रा, क्षेत्र प्रचारक महेंद्र, प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र आदि उपस्थित रहे।