-विदेशी तकनीकी की नयी आरएनए एक्सट्रैक्टर और आरटीपीसीआर जांच मशीनें लगीं
- जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ, 50 लाख की लागत से लैब हुई अत्याधुनिक
मथुरा। वेटरिनरी विश्वविद्यालय की कोविड लैब की जांच क्षमता अब दूने से भी ज्यादा बढ़ गई है। यहां दो नई मशीनें स्थापित की गई हैं।
ये दोनों विदेशी तकनीक से बनी हैं। पहली मशीन आरएनए एस्ट्रैक्टर है, इसके जरिए अब मैनुअल से आरएनए नहीं निकाला जाएगा बल्कि यह मशीन आनन-फानन में निकालेगी। इसके बाद वही आरएनए नयी आरटीपीसीआर मशीन में जांच को भेजा जाएगा। इसके बाद कुछ ही देर में जांच कंप्यूटर के स्क्रीन पर आ जाएगी। यह दोनों मशीनें ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की विधायक निधि से स्थापित की गई हैं। इस आधुनिकीकरण पर लागत लगभग 50 लाख आयी है।
बुधवार को इन दोनों मशीनों का लोकार्पण जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने किया। उनके साथ सीएमओ डा रचना गुप्ता व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
लैब की प्रभारी व माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ रश्मि सिंह ने जिलाधिकारी चहल को अवगत कराया कि पिछले साल स्थापना के बाद से अब तक इस लैब ने लगभग सवा लाख सैंपल की जांच कर ली है।
अब दोनों नई मशीनों से रोजाना एक हजार से 1200 सैंपल की जांच संभव हो सकेगी।
अभी तक इस लैब को लक्ष्य 320 सैंपल प्रतिदिन जांच का मिला है।इसकी जगह पर 650 सेंपल जांच की जा रही है।
आज लैब के सुदृढ़ीकरण के लोकार्पण मौके पर जिलाधिकारी के साथ कुलपति डॉ जे के सिंह, एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर, सीएमओ डॉ रचना गुप्ता, सीडीओ डॉ नितिन गौड व अन्य प्रशासनिक व वेटरनरी विश्वविद्यालय के अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर लैब के प्रांगण में जिलाधिकारी, कुलपति एवं अन्य ने पौधारोपण भी किया।
लैब ने कीर्तिमान स्थापित किया
मथुरा। हाल ही में शासन ने सभी लैब की जांच की प्रगति की समीक्षा की थी। उनकी रैंकिंग भी की। इस रेकिंग में वेटरनरी विश्वविद्यालय की इस लैब को प्रदेश में छठवां स्थान प्राप्त हुआ है।
यहां जो सैंपल स्वास्थ्य विभाग मथुरा की ओर से प्राप्त होते हैं, वे शाम को मिलते हैं। अगले दिन शाम को उनकी जांच रिपोर्ट सीएमओ को रिसीव करा दी जाती है।