
मथुरा। जनपद के कुछ प्राइवेट अस्पतालों को पीएम केयर फंड के तहत दिए गए वेंटीलेटर पर कुछ जनप्रतिनिधियों के विरोध करने पर उन्हें वापस मंगा लिया गया। इस पर खूब राजनीति हो रही है, लेकिन एसीएमओ का कहना है कि वेंटीलेटर दिए जाने में कुछ भी गलत नहीं था, यह लोन पर दिए गए थे, यह जिन दो अस्पतालों को दिए गए थे वह भी सरकार द्वारा अधिग्रहत मेडिकल कॉलेज हैं और शासन के निर्देश पर ही इन्हें दिया गया था। अब इन्हें वापस मंगा लिया गया है।

बताते चलें कि जनपद में पिछले साल जब कोरोना अपने चरम पर था और बेड व वेंटीलेटरों की कमी हो रही थी, आईसीयू के मरीज बढ़ने लगे तब केडी मेडिकल कॉलेज व केएम मेडिकल कालेज को बेड बढ़ाने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे पास वेंटीलेटर नहीं है। सितम्बर में शासन द्वारा पीएम केयर फंड द्वारा दिए गए वेंटीलेटर को जिला अस्पताल में भेजा गया, क्योंकि इनका यहां पर कोई यूज नहीं हो रहा था तब शासन द्वारा सितम्बर में केडी मेडिकल कॉलेज को वेंटीलेटर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया। इस बारे में एसीएमओ डा. राजीव गुप्ता ने बताया कि सीएमओ द्वारा सीएमएस से कहा गया कि अगर वेंटीलेटर आप दे सकते हैं तो आप दे दें। क्योंकि सरकार के द्वारा केडी व केएम दोनों ही अधिग्रहत मेडिकल कालेज हैं, तब सितंबर में 11 वेंटीलेटर केडी को और दो केएम मेडिकल कालेज को लोन पर दिए गए। जब इनकी वापसी की तारीख आई तो कोरोना की दूसरी लहर आ गई। इस वक्त भी आईसीयू की भारी किल्लत हुई तब अप्रैल में दूसरी बार दो वेंटीलेटर और केडी मेडिकल कालेज को दिए गए। इस तरह केडी को 13 और केएम मेडिकल कालेज को 2 वेंटीलेटर दिए गए। उन्होंने कहा कि जो सरकार द्वारा अधिग्रहत मेडिकल कालेज होते हैं उन्हें ही हम यह सुविधा दे सकते हैं। इसके अलावा किसी ओर को नहीं दे सकते। इसके अलावा भी रेडमीशिविर इंजेक्शन, वीटीएम वाइल के अलावा शुरू में पीपीई किट भी इन अस्पतालों को दी गई थी। कुछ लोगों कह रहे हैं कई अस्पतालों को यह वेंटीलेटर दिए गए जो कि सरासर गलत है। बताया कि यह वेंटीलेटर वापस मंगा लिए गए क्योंकि इनका समय पूरा हो चुका है। इसमें कहीं कोई गलत कार्य नहीं किया गया।

