इलाहाबाद । राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय के परिवार द्वारा बिजनौर ज़िले में गौशाला भूमि क़ब्ज़े के आरोप में उठे विवाद पर पत्रकार विनीत नारायण के ख़िलाफ़ हुई एफ़आईआर में आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ऊप्र पुलिस को जम कर फटकार लगाई। न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंड पीठ ने सरकारी वकील को फटकार लगाते हुए यह कहा कि यदि इस तरह एफ़आईआर होने लगेंगी तो संविधान की धारा 19 का कोई औचित्य नहीं रहेगा। हमें इसे रोकना होगा।
गौरतलब है कि अयोध्या राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के भाई संजय बंसल ने पत्रकार विनीत नारायण, उनके सहयोगी रजनीश कपूर और आरएसएस की मेरठ प्रांत की गौरक्षा प्रशिक्षण प्रमुख अलका लाहोटी के ख़िलाफ़ 19 जून 2021 को एफ़आईआर दर्ज कराई थी। इन पर चम्पत राय की छवि ख़राब करने, धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने, जालसाज़ी और 15 अन्य कठोर धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज़ हुई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि संजय बंसल को वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण की 17 जून की फ़ेसबुक पोस्ट पढ़ कर अत्यंत खेद हुआ, जिसमें “षडयंत्र रच कर झूठ और अनर्गल बातें लिखी हुई थीं।” इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सरकारी वकील से सवाल किया कि इस एफ़आईआर में दर्ज 18 धाराओं में से एक भी धारा विनीत नारायण पर लागू नहीं होती, तो फिर ऐसी एफ़आईआर कैसे दर्ज हुई?
फ़ेसबुक पोस्ट में क्या था आरोप?
गत 17 जून को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत को संबोधित करते हुए विनीत नारायण ने फ़ेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी। उनके मुताबिक़ अलका लाहोटी ने उन्हें बताया था कि उनके पिता द्वारा नगीना (बिजनौर) में 1953 में स्थापित श्रीकृष्ण गौशाला की 20,000 वर्ग मीटर ज़मीन पर कई सालों से क़ब्ज़ा है। श्रीमती लाहोटी का आरोप था कि यह क़ब्ज़ा श्री चम्पत राय के चचेरे भाई व अन्य परिजनों ने किया है और गौशाला की इस ज़मीन पर अपना निजी श्रीकृष्ण गोपाल महाविद्यालय अवैध रूप से बना लिया है। उनका यह भी आरोप था कि श्री चम्पत राय ने इस अवैध महाविद्यालय की रुहेलखंड विश्विद्यालय, बरेली से सिफ़ारिश कर मान्यता दिलवाई।
इस बातचीत का हवाला देते हुए, पोस्ट में नारायण ने चंपत राय से तीन सवाल पूछे थे। इसी पोस्ट के आधार पर राय के भाई संजय बंसल ने 18 धाराओं के तहत नारायण व दो अन्य के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई थी। कोर्ट ने संजय बंसल व उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस देते हुए 27 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख़ तय की है। इसी बीच पुलिस को कोर्ट की अगली सुनवाई तक विनीत नारायण और रजनीश कपूर के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की कार्यवाही न करने के आदेश भी दिए हैं।