स्वास्थ्य सेवाओं में अभी और सुधार की आवश्यकता, ब्लड बैंक भी हो अपग्रेड

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मरीजों की सुविधार्थ आने वाले दिनों में चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों से उम्मीद

मथुरा। विधानसभा चुनाव 2022 में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी मुद्दा रहेगा। आने वाले दिनों में चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों से उम्मीद रहेगी कि वह इस ओर ध्यान दें। कारण स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी और सुधार की दिशा आवश्यकता है। खासकर ब्लड के मामले में। सेवाओं में सुधार से मरीजों को इधर से उधर नहीं भटकना पड़ेगा। उनको निकट केन्द्र पर सुविधाएं उपलब्ध हों। आज के समय को देखते हुए आधुनिक उपकरण हों। केवल रंगाई-पुताई,सफाई से काम नहीं चलेगा। सरकारी केन्द्रों पर पूरा स्टाफ हो। वह मरीजों की सेवा मन से करें ना कि सरकारी सिस्टम की तरह खाना-पूर्ति। पूर्व में कोरोना एवं डेंगू में परेशानी सभी देख चुके हैं।


ब्रजवासियों को जनप्रतिनिधियों से उम्मीद है कि वह भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में सेवाओं में सुधार लाने का प्रयास करेंगे। शासन में इसका पक्ष रहेंगे और इसको पूरा कराएंगे। रक्तदाता फाउंडेशन के संस्थापक अमित गोयल,राहुल लवानिया,शुभम अग्रवाल, आशीष गोयल,तनवी,अंजली गोयल आदि का कहना है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अत्यधिक कार्य करने की आवश्यकता है। चुने जाने वाले विधायकों से उम्मीद करते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था हो। सभी बीमारियों का उपचार यहीं हो। छोटी छोटी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं छोटे नगर स्तर पर होनी चाहिए। अभी तक किसी भी प्रतिनिधि का इस और ध्यान नही गया है ,जैसे एक्स रे मशीन ,सी टी स्कैन जैसी छोटी जांच मशीन आदि। लोगों का सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहिए।


कहा कि रक्तदान से संबंधित अभी तक किसी भी जन प्रतिनिधि के द्वारा किसी भी तरह का कार्य नही किया गया ,जैसे जिले में एक मात्र सरकारी रक्तकोष का कायाकल्प हो। आज के समय को देखते हुए नई आधुनिक जांच मशीन होनी चाहिए। डेंगू एवं कोरोना में यह समस्या देखी जा चुकी है। जिला अस्पताल में प्लेटलेट्स मशीन का न होना और प्राइवेट रक्तकोषों के द्वारा मनमानी की गई।


जिला महिला अस्पताल की बुनियादी सुविधाओ को लेकर कुछ खास कार्य नही किए गए है। अभी और बेहतर एवम अच्छे कार्य करने की आवश्यकता है ,प्रसूता महिलाओं को सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिससे प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर रोक लग सके।


कहा कि हमें 18 साल का होते ही मतदान देना है ये तो कॉलेज में पढ़ाया जाता है लेकिन 18 वर्ष के होते ही रक्तदान करने चाहिए। ये नही बताया जाता। सरकार को रक्तदान विषय पाठ्यक्रम में सम्मिलित कर सभी को जागरूक करना चाहिए जिससे जो कमी हमारे देश मे है उसको पूरा किया जा सके।

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