विनोद शास्त्री
वैदिक सत्य सनातन हिन्दू धर्म मे अपने पति की दीर्धायु की कामना करना और उसकी सुरक्षा करना सदियो से परम्परा गत कर्तव्य भारतीय नारी सदा से निर्वहन करती चली आयी है वह सदा से ही अपने सुहाग को अक्षुण्ण रखने के लिये पुरूषार्थी भी रही है चाहे उसके लिये कितना भी वलिदान ही क्यो न देना पडा हो वे कभी न तो इस कर्तव्य से विचलित हुई और ना ही कभी उसने मुंह मोडा!
चाहे राजा हरिश्चन्द्र की रानी तारामती हो.. या सत्यवान की सावित्री या अत्रि ऋषि की पत्नी सती अनुसूईया हो !
नारी सदा से ही पवित्रता की प्रतिमूर्ति रही है और आज भी हिन्दू धर्म मे नारी द्वारा अपने सुहाग की दीर्धायु की कामना करने की परम्परा यथावत सदियो से चली आरही है!
श्री कार्त्तवीर्य नक्षत्र ज्योतिष संस्थान् के संस्थापक आचार्य विनोद शास्त्री के अनुसार करवा चौथ पर अपने सुहाग की दीर्धायु का पर्व है जो प्रत्येक भारतीय नारी जिसका निर्वहन करती हुई अपने पति की दीर्धायु की कामना गणेश जी एंव उच्च राशि के चन्द्रमा से करती है !
कव आरम्भ होगा व्रत…
हिन्दू पंचागो के अनुसार कार्तिक मास की चौथ को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है!
इस वार करवाचौथ पर्व 24 अक्टूबर दिन रविवार को पड रहा है !इस दिन सूर्योदय से पूर्व व्रह्ममुहूर्त से ही स्त्रियां व्रत आरम्भ करती है और शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, चन्द्रमा की पूजा करती है तथा
रात्रि मे चन्द्रोदय के उपरान्त चन्द्रदर्शन तक निर्जला व्रत करती है और चन्द्र दर्शन व पति के दर्शन के उपरान्त ही जल ग्रहण कर व्रत पारायण करती है!
इस वार 24 अक्टूबर को चन्द्र दर्शन रात्रि 08:25 पर होगे इस कारण स्त्रियों को लगभग 14 घण्टे निर्जला व्रत रखना पडेगा! वही चन्द्रमा के उच्च राशि वृषभ के नक्षत्र रोहिणी मे विराजमान होने पर चन्द्र दर्शन का उत्तम योग वन रहा है!