बिजली इंजीनियर आंदोलन में काली पट्टी बांध करेंगे सभा

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मुख्यालय द्वारा जारी की गई आंदोलन सूचना, स्थानीय पदाधिकारी साध रहे संपर्क
सार्थक समाधान नहीं होने पर 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार

लखनऊ/मथुरा। उप्र.रा.वि.प. अभियन्ता संघ द्वारा ज्वलन्त समस्याओं के समाधान न होने एवं पावर कारपोरेशन प्रबन्धन के द्वारा जारी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में सोमवार से आंदोलन शुरू किया जा रहा है। काली पट्टी बांधकर इंजीनियर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसकी तैयारियां स्थानीय स्तर पर पूर्ण कर ली गई हैं। संघ के पदाधिकारी एक-दूसरे से संपर्क कर रहे हैं। समस्याओं का सार्थक समाधान न होने पर 26 अक्टूबर से सभी ऊर्जा निगमों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह द्वारा जारी किए गए पत्र में अवगत कराया गया कि सोमवार एवं मंगलवार को को सभी ऊर्जा निगमों के अभियन्ता काली पट्टी बांध कर विरोध दिवस मनाएंगे। पांच बजे विरोध सभा की जाएगी। छह, सात व आठ अक्टूबर को सायं चार बजे से पांच बजे तक एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा 11 एवं 12 अक्टूबर को अपरान्हन तीन बजे से पांच बजे तक दो घण्टे का कार्य बहिष्कार होगा। 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक तीन घंटे का बहिष्कार होगा। 18 अक्टूबर से ही सभी ऊर्जा निगमों के अभियन्ता नियमानुसार कार्य आन्दोलन प्रारम्भ कर देगें जिसके अन्तर्गत सायं पांच बजे से अगले दिन प्रात: 10 बजे तक कोई कार्य नहीं करेंगे। साथ ही विद्युत अभियन्ता कार्य के समय में भी केवल अपने लिए ही निर्धारित कार्य करेंगे, अन्य कोई कार्य नहीं करेंगे। समस्याओं का सार्थक समाधान नहीं होने पर 26अक्टूबर से सभी अभियन्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर देगें। संघ के सचिन द्विवेदी ने बताया कि सोमवार को सभी काली पट्टी बांध कार्य करेंगे और शाम को सभा होगी। सभी सदस्यों को इसकी जानकारी दे दी गई है।
–मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील
लखनऊ/ मथुरा। अभियन्ता संघ ने अभियंताओं की लंबित ज्वलंत समस्याओं के सार्थक समाधान के लिए मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्र से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की।साथ ही अभियन्ता संघ ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी अभियन्ता का आन्दोलन के कारण उत्पीड़न किया गया तो बिना कोई नोटिस दिये सभी ऊर्जा निगमां के अभियन्ता सीधी कार्यवाही प्रारम्भ कर देगें जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी।

अभियन्ताओं की प्रमुख मांगे

-सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि. का पुनर्गठन किया जाए।
-छह अक्टूबर 2020 को कैबिनेट उप समिति के साथ हुए समझौते के तहत वाराणसी व अन्य स्थानों पर आन्दोलन के कारण दर्ज एफआईआर वापस ली जाए।
-वर्ष 2000 के बाद नियुक्त सभी अभियन्ताओं के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाए।
-अभियन्ताओं की सभी वेतन विसंगति दूर की जाए
-ग्रेटर नोएडा के निजीकरण व आगरा के फ्रेंचाइजीकरण रद्द किए जाए।
-उत्पीड़न की दृष्टि से पदोन्नति के नियमों में किए गए प्रतिगामी परिवर्तन वापस लिए जाएं
-सभी संसूचित अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल की सुविधा दी जाए।
उत्पादन निगम में अधिशासी अभियन्ता पर अतिशीघ्र पदोन्नतियां की जाएं।
–पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जाएं।
-इंजीनियर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।

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