स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का निधन: 2 दिन का राष्ट्रीय शोक: प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति ने जताया शोक

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मुंबई। स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी व भारत रत्न स्वयं में कला-संगीत व गायन की प्रतिमूर्ति लता मंगेशकर का मुंबई में निधन हो गया है। लता मंगेशकर 93 साल की थी। उनके निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।

वह पिछले 27 दिनों से ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में थीं। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। भारतीय फिल्म जगत में लता मंगेशकर का योगदान अतुलनीय है। 13 वर्ष की उम्र में पिता के देहांत के बाद ही लता मंगेशकर ने गाना शुरू कर दिया था। महिला गायिकाओं में उनका स्थान सर्वोपरि है और कई दशकों से वह फिल्मी हीरोइनों को अपनी आवाज देती रही है। उनके गाए गाने एक से बढ़कर एक हिट हुए जिनमें से कई गीत तो कालजयी है। उन्हीं में से एक है ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा याद करो कुर्बानी’। यह गीत आज भी हर राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर गाया और सुना जाता है। और भी न जाने कितने ही मशहूर और भूले बिसरे गीत को लता मंगेशकर ने अपनी आवाज से सजाया और संवारा था।

उनके जाने से कला-संगीत के साथ ही देश ने एक महान कलाकार खो दिया। रविवार को दोपहर मुंबई के शिवाजी पार्क में उनका अंतिम संस्कार होगा।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लता दीदी के गानों में मानवीय संवेदनाएं दिखती थी। लता दीदी से हमेशा मुझे प्यार मिला लता दीदी मजबूत और विकसित देश चाहती थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी दुख जताया, ट्वीट कर कहा लताजी का निधन मेरे लिए हृदय विदारक, उनकी उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी। परिवार के प्रति संवेदना। गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा, संगीत जगत में लता मंगेशकर के योगदान को शब्दों में पिरो नहीं सकते, उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, हर संगीत प्रेमी के दिल में रहने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से दुखी हूं।

“मेरी आवाज ही मेरी पहचान है…”
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