चंद्रनगर में रास्तों पर जमा जल, ग्रामीणों को कर रहा तंग

देश

रास विहारी


-नगर निगम के नहीं पहुंच रहे सफाई कर्मचारी, गंदगी से लोग बेहाल

मथुरा। नगर निगम मथुरा-वृंदावन के वार्ड 24 का गांव है चंद्रनगर। वर्षा के पानी गलियों से लेकर प्रमुख रास्तों पर भरा हुआ है। नालियां उफन रही है। कूड़ा-कचरा सड़ रहा है। इसी परिदृश्य के बीच रहने को मजबूर हैं ग्रामीण। स्थिति यह है कि यहां सफाई कर्मचारी नहीं पहुंच रहे हैं। जलभराव से छुटकारा दिलाने को नगर निगम प्रशासन की तरफ से कोई पहल नहीं जा रही है। संचारी रोगों के फैलने की आशंका से ग्रामीण भयभीत हैं।
हाईवे स्थित राजीव एकेडमी के बराबर से गांव चंद्रनगर के लिए रास्ता जाता है। ये रास्ता सीसी है और गांव तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हैं, लेकिन गांव के आसपास पोखर के पास अपने आवास बना लिए हैं। इन अवासों के लिए जाने वाला रास्ता गांव के ग्रामीणों के खेतों को भी जोड़ता है। इसी रास्ते पर पानी भरा हुआ है। एक फीट भरा यह पानी गंदा है और इसमें कचरा भी घुला हुआ है। ग्रामीण अपने खेतों पर इसी पानी के बीच होकर गुजरते है। पशुओं के लिए सिर पर महिला- पुरुष चारा लेकर आते हैं तो वह कई बार ठोकर खाकर गिर जाते हैं। गंदे पानी के बीच होकर निकलने से एलर्जी हो रही है। ग्रामीण वीरेंद्र शर्मा रविवार को इसी पानी के बीच से पशुओं के लिए चारा ला रहे थे। उनका कहना है, पानी की निकासी नहीं होने से यहां होकर निकलना मुश्किल हो गया है। कई बार तो लोग पानी में गिर जाते है। मानिक चंद शर्मा ने बताया, वर्षा के पानी से पोखर लबालब हो गई है। ये पानी अब रास्ते में भर गया है। इसलिए आवागमन में दिक्कत हो रही है। धर्मेंद्र शर्मा ने बताया, जब तक पोखर के पानी की निकासी नहीं होगी और जल में जमा गंदगी साफ नहीं होगी। तब ग्रामीणों को राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि पोखर से उठने वाली दुर्गंध ने नाक में दम कर रखा है। तमाम कीट पैदा हो गए है। इससे संचारी रोगों के फैलने की आशंका बढ़ गई है। महामारी फैलने से पहले इस पर नियंत्रण पाने के लिए नगर निगम प्रशासन को ठोस उपाय करने चाहिए है, जो नहीं किए जा रहे है। गांव के प्राथमिक विद्यालय में भी गंदगी हो रही है जिससे छात्रों को पढ़ने में दिक्कत हो रही है।

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