कोरोना का ग्रहण एक बार फिर भक्तों की आस्था पर भारी
वृन्दावन। कोरोना का ग्रहण एक बार फिर भक्तो की आस्था पर भारी पड़ने जा रहा है। ठाकुर बांकेबिहारी लाल जू के लाखों भक्त इस बार भी अक्षयतृतीया पर्व पर चरण दर्शन से वंचित रह जायेंगे। संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास जी के लाडले आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी जी के वर्ष में केवल एक बार अक्षयतृतीया पर्व पर चरण दर्शन भक्तो को सुलभ होते है। परम्परानुसार इस दिन ठाकुर जी के चरणों मे कपूर, केसर,गुलाबजल, मिश्रित चन्दन का गोला अर्पित किया जाता है। ठाकुर जी के चरणों मे स्वर्णरजत निर्मित पाजेब धारण करायी जाती है। ठाकुर जी को ग्रीष्मकाल में शीतलता प्रदान करने हेतु विविध प्रकार के शीतल पेय, फालसेव, मेवायुक्त दही गुजिया, आदि व्यंजन निवेदित किये जाते है। अक्षयतृतीया पर्व पर होने वाले विशिष्ट दर्शनों के लिये देश भर से लाखों भक्त जुटते है।लेकिन कोरोना महामारी के कारण 17 मई तक लाकडाउन लगा होने से भक्तो को दर्शनों की अनुमति नही है। केवल सेवायत गोस्वामीजन को ही प्रवेश की अनुमति दी गयी है। सेवायत गोपी गोस्वामी के अनुसार ठाकुर जी की सेवा अनवरत जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि भक्तो वर्ष में एक बार ही ठाकुर के चरण दर्शन सुलभ होते है लेकिन कोरोना काल के कारण भक्त एक बार फिर ठाकुर जी चरण दर्शनों से वंचित रहेंगे।
मंदिर प्रबन्धक मुनीश शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय देश के हालात बिगड़े हुए है, महामारी से बचने के लिए सरकार तमाम तरह के प्रयास कर रही है।
जिसके द्रष्टिगत मन्दिर में आम भक्तो के प्रवेश प्रतिबन्ध लगा रखा है।
हालांकि ठाकुर जी की सेवा अनवरत रुप से जारी है।
उन्होंने बताया कि 17 मई तक लगाए गए लॉक डाउन को देखते हुए इस बार फिर भक्त ठाकुर जी के वर्ष में होने वाले चरण दर्शनों से वंचित रहेंगे।
उन्होंने कहा भक्त घर रहकर अपने आराध्य का पूजन अर्चन करे। जिससे महामारी से बचा जा सके।